Sunday, July 20, 2025
spot_img

गौ तस्करी चरम पर, प्रशासन बेखबर: सीयूजी नंबर बन गए ‘डेड लाइन’!

बांदा जनपद में पशु क्रूरता अधिनियम का उल्लंघन चरम पर, गौ तस्कर बेखौफ। जिम्मेदार अधिकारियों के सीयूजी नंबर बंद, शिकायतों पर नहीं हो रही कार्रवाई।

नरैनी,बांदा। बांदा जनपद में पशु क्रूरता अधिनियम केवल कागजों तक सिमट कर रह गया है। प्रशासन की लापरवाही और जिम्मेदार अधिकारियों की निष्क्रियता ने इस कानून को मजाक बना दिया है। नतीजतन, गौ तस्करों का नेटवर्क दिन-ब-दिन मजबूत होता जा रहा है।

रात्रि में होती है अवैध गौ तस्करी, जिम्मेदार अधिकारी मौन

जानकारी के अनुसार, प्रत्येक रात्रि 12 बजे के बाद 50 से 60 पशुओं से भरे वाहन जनपद की सीमाओं को पार करते हैं। इन वाहनों को कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से इंटर-डिस्ट्रिक्ट क्षेत्रों में बेधड़क प्रवेश मिल रहा है।

स्थानीय संगठन का गंभीर आरोप

गौ रक्षा समिति के तहसील अध्यक्ष सोनू करवरिया ने बताया कि क्षेत्रीय नागरिकों से प्राप्त सूचनाओं के बावजूद जब कालिंजर और अतर्रा थाने सहित अन्य चौकियों को सूचित किया गया, तब भी कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। सबसे चिंताजनक बात यह रही कि जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा दिए गए सीयूजी नंबर तक काम नहीं कर रहे, या फिर अधिकारी कॉल रिसीव नहीं करते।

Read  बरसात में गौ वंश की लाशें और प्रशासन की ख़ामोशी – कौन है इन मौतों का जिम्मेदार?
सीयूजी नंबरों की निष्क्रियता बनी गंभीर मुद्दा

यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब एसपी पॉइंट पर जानकारी देने के बावजूद संबंधित थानों—जैसे बिसण्डा और बबेरू—द्वारा तस्करी में लिप्त गाड़ियों को जानबूझकर रात में पार करा दिया जाता है। केवल सीओ अतर्रा और पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल को सूचना दिए जाने पर एक गाड़ी अतर्रा थाना क्षेत्र में पकड़ी गई।

औगासी पुलिस चौकी की संदिग्ध भूमिका

स्थानीय लोगों का आरोप है कि लगातार लोकेशन साझा करने के बावजूद औगासी पुलिस चौकी की शह पर डीसीएम वाहन गौवंशों से लोड होकर फतेहपुर एरिया में प्रवेश कर गया।

जनता में आक्रोश, जिम्मेदारों से जवाबदेही की मांग

गौ रक्षा समिति के अध्यक्ष ने सवाल उठाया है कि जब अधिकारी सीयूजी नंबरों को सार्वजनिक करते हैं, तो उनका उत्तरदायित्व क्यों नहीं निभाया जाता? जब आम जनता की कॉल ही नहीं उठाई जाती, तो ऐसे नंबरों का औचित्य क्या है?

यह स्थिति न सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए खतरा है, बल्कि प्रशासन की जवाबदेही पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है। अब आवश्यकता है कि शासन स्तर पर कड़े कदम उठाए जाएं और सीयूजी नंबरों की निगरानी के साथ-साथ पशु तस्करी रोकने के लिए प्रभावी रणनीति लागू की जाए।

Read  वाराणसी गैंगरेप केस: पीएम मोदी ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश, 19 साल की युवती से 6 दिनों तक 23 लोगों पर बलात्कार का आरोप

➡️सोनू करवरिया की रिपोर्ट

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,400SubscribersSubscribe

हर बार वही शिकायत! तो किस काम के अधिकारी?” – SDM ने लगाई फटकार

चित्रकूट के मानिकपुर तहसील सभागार में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में उपजिलाधिकारी मो. जसीम ने अधिकारियों को दो टूक कहा—"जनशिकायतों का शीघ्र समाधान करें,...

“मैं नालायक ही सही, पर संघर्ष की दास्तां अनसुनी क्यों?” — रायबरेली की आलोचना से आहत हुए मंत्री दिनेश प्रताप सिंह का भावुक पत्र

 रायबरेली की राजनीति में हलचल! उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने फेसबुक पोस्ट के ज़रिए आलोचकों को दिया करारा जवाब। संघर्षों और उपलब्धियों को...
- Advertisement -spot_img
spot_img

सड़क पर ही मिला सबक! सरेबाज़ार युवती ने उतारी चप्पल, पीट-पीटकर किया हलाकान

उन्नाव के शुक्लागंज बाजार में छेड़छाड़ से तंग आकर युवती ने युवक को चप्पलों और थप्पड़ों से पीटा। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर...

अखिलेश यादव पर स्वतंत्र देव सिंह का तीखा वार: “साधु-संतों से सवाल, छांगुर पर चुप्पी कमाल”

जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने अखिलेश यादव पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि वे साधु-संतों से तो सवाल पूछते हैं, लेकिन...