रामनगर विकासखंड की ग्राम पंचायत सीकरी में संविधान निर्माता बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम बड़े ही गरिमामय वातावरण में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में गांव के नौनिहाल बच्चों, महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और बाबा साहब के विचारों पर चलने का संकल्प दोहराया।
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने सामाजिक समानता, शिक्षा और अधिकारों के लिए जीवन भर संघर्ष किया और आज भी समाज उनके विचारों से शक्ति प्राप्त करता है। यही कारण है कि हर वर्ग के लोग संविधान निर्माता के प्रेरक जीवन को आदर्श मानते हैं।
अनुसूचित बस्ती की दुर्दशा — बरसात में निकलना भी मुश्किल
कार्यक्रम के बीच ग्रामीणों ने अपनी मूलभूत समस्याओं पर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत सीकरी की अनुसूचित जाति बस्ती में जाने के लिए न तो सही रास्ता है और न ही किसी प्रकार का निर्माण कार्य वर्षों से किया गया है। बारिश के दौरान हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि बस्ती में आना-जाना तक मुश्किल हो जाता है।
गांव पहुंचने पर चलो गांव की ओर जागरूकता अभियान के संस्थापक अध्यक्ष संजय सिंह राणा ने बस्ती की टूटी-फूटी सड़कें, कीचड़, नालियों की दयनीय स्थिति और साफ-सफाई की भारी कमी को नज़दीक से देखा। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान और सचिव द्वारा अनदेखी ग्रामीणों के हितों के विपरीत है और इस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने सहायक विकास अधिकारी पंचायत अनुराग पांडे को फ़ोन कर तुरंत सफाई कराने की मांग की, जिस पर अधिकारी ने आश्वासन दिया कि तुरंत सफाई कर्मी भेजकर सफाई की जाएगी।
बाबा साहब की जीवन यात्रा और संघर्ष पर प्रकाश
कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता धर्मेन्द्र कुमार भास्कर ने बाबा साहब के संघर्ष और जीवन के महत्वपूर्ण पड़ावों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि जातीगत भेदभाव और सामाजिक दंश झेलने के बावजूद डॉ. अंबेडकर ने शिक्षा और न्याय के माध्यम से दुनिया को बदलकर दिखाया। उनकी दूरदर्शी सोच और आधुनिक दृष्टि आज भी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रीढ़ है।
बच्चों और युवाओं को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया गया
युवा समाजसेवी संजय पटेल ने युवाओं और बच्चों को शिक्षा की शक्ति से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब के कारण ही हर बच्चे को किसी भी प्राइवेट स्कूल में पढ़ने का अधिकार मिला। इसलिए गांव के माता-पिता अपने बच्चों की पढ़ाई के प्रति पूरी जागरूकता रखें और उन्हें बेहतर शिक्षा दिलाएं।
अधिकारों के प्रति एकजुट होना होगा — संजय सिंह राणा
वरिष्ठ पत्रकार एवं चलो गांव की ओर जागरूकता अभियान के संस्थापक अध्यक्ष संजय सिंह राणा ने ग्रामीणों को अपने अधिकार और सुविधाओं के लिए एकजुट होने पर बल दिया। उन्होंने कहा—
“जब गांव की जनता एक साथ आवाज़ उठाती है, तो समाधान तुरंत मिलता है।”
उन्होंने कहा कि यह अभियान सामाजिक मुद्दों और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए शुरू किया गया है, ताकि गांव की समस्याएं कम हों और योजनाओं का वास्तविक लाभ जनता तक पहुंचे।
कार्यक्रम में ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि बाबा साहब के आदर्शों पर चलते हुए समाज में समानता, शिक्षा और सहयोग</strong को बढ़ावा देंगे।
📌 क्लिक कर जवाब पढ़ें — सवाल / जवाब
सीकरी में महापरिनिर्वाण दिवस कार्यक्रम कब और कहाँ आयोजित हुआ?
यह कार्यक्रम ग्राम पंचायत सीकरी, रामनगर विकासखंड में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से किन-किन वर्गों ने हिस्सा लिया?
बच्चे, महिलाएं, युवा और बुजुर्ग सभी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
गांव की सबसे गंभीर समस्या क्या बताई गई?
अनुसूचित बस्ती में जाने के लिए उचित सड़क और साफ-सफाई की भारी कमी।
सफाई के लिए प्रशासन से किसने बात की?
अभियान के संस्थापक अध्यक्ष संजय सिंह राणा ने सहायक विकास अधिकारी पंचायत से बात की।
जागरूकता अभियान का मुख्य उद्देश्य क्या है?
ग्रामीण समस्याओं का समाधान और सरकारी योजनाओं को आम जनता तक पहुँचाना।






