
बाल्मीकि जयंती शोभायात्रा कामां में निकली
हिमांशु मोदी की रिपोर्ट
कामां। रामायण के अमर रचयिता, आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की बाल्मीकि जयंती शोभायात्रा के अवसर पर नगर में भक्ति और उत्साह का माहौल रहा। बाल्मीकि समाज, स्थानीय संगठनों और श्रद्धालुओं की अगुवाई में यह शोभायात्रा बड़े मोहल्ला स्थित बाल्मीकि मंदिर से धूमधाम के साथ प्रारंभ हुई। ढोल-नगाड़ों की गूंज, भक्ति गीतों की स्वर लहरियों और जयकारों से नगर गूंज उठा।
शोभायात्रा बस स्टैंड, नगर पालिका मार्ग, मुख्य बाजार, लाल दरवाजा, लक्कड़ बाजार और भूमिया बुर्ज से होती हुई पुनः बाल्मीकि मंदिर पहुंची। इस बाल्मीकि जयंती शोभायात्रा में बड़ी संख्या में महिला, पुरुष और बच्चे पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए। पूरा नगर केसरिया और पुष्पमालाओं से सजा नजर आया।
🌼 जायंट्स ग्रुप ऑफ कामवन ने किया श्रद्धापूर्ण स्वागत
बाल्मीकि जयंती शोभायात्रा के दौरान जगह-जगह श्रद्धालुओं और संस्थाओं ने आरती उतारकर तथा फूलमालाएं पहनाकर शोभायात्रा का स्वागत किया। इसी क्रम में जायंट्स ग्रुप ऑफ कामवन ने त्रिकुटिया बाजार स्थित अपने प्रतिष्ठान पर विशेष स्वागत कार्यक्रम का आयोजन किया।
ग्रुप के अध्यक्ष खेमराज मातुकी वालों ने स्वयं भगवान वाल्मीकि जी की प्रतिमा पर पुष्पवर्षा की और आरती उतारी। साथ ही शोभायात्रा में सम्मिलित सभी बंधुओं का दुपट्टा पहनाकर अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर जायंट्स ग्रुप ऑफ कामवन की ओर से दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं भी दी गईं।
🙏 सामाजिक एकता और आध्यात्मिकता का संगम
बाल्मीकि जयंती शोभायात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं रही, बल्कि इसने सामाजिक एकता और भाईचारे का संदेश भी दिया। रास्ते में सैकड़ों लोग शोभायात्रा के स्वागत के लिए खड़े दिखे। जगह-जगह फूल बरसाए गए, भक्ति गीत गाए गए और भगवान वाल्मीकि के जयघोष से वातावरण पवित्र हो उठा।
जायंट्स ग्रुप ऑफ कामवन के सदस्यों — हरी कुम्हेरिया, प्रमोद पुजारी, हरप्रसाद नाटाणी, डॉ. संजय शर्मा, गोविंद प्रसाद खंडेलवाल, सुरेश सोनी, घनश्याम गर्ग, राधा शरण शर्मा, मनोज गंगोरा वाले, कल्ला पंडित, टोनू खंडेलवाल, निक्की खंडेलवाल व अन्य सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।
🌺 बाल्मीकि जयंती शोभायात्रा ने जगाया जनजागरण
इस वर्ष की बाल्मीकि जयंती शोभायात्रा ने नगर में नया जोश और आध्यात्मिकता का संचार किया। आयोजकों का कहना है कि ऐसी शोभायात्राएं समाज को जोड़ती हैं, भेदभाव मिटाती हैं और मानवता के उच्च आदर्शों को पुनर्जीवित करती हैं।
महर्षि वाल्मीकि का जीवन करुणा, ज्ञान और सत्य का प्रतीक रहा है। उनकी रचित रामायण आज भी समाज में नैतिकता और मर्यादा का मार्गदर्शन करती है। बाल्मीकि जयंती शोभायात्रा इसी संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम बनी।
🔱 स्थानीय प्रशासन और नागरिकों का सहयोग सराहनीय
शोभायात्रा के सुचारू संचालन में स्थानीय प्रशासन, नगर पालिका कर्मियों और पुलिस बल की सक्रिय भूमिका रही। नगर के सभी मुख्य मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक नियंत्रण की प्रभावी व्यवस्था की गई। नागरिकों ने भी स्वच्छता और अनुशासन का परिचय देते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया।
बाल्मीकि जयंती शोभायात्रा के दौरान नगर में कहीं भी अव्यवस्था की स्थिति नहीं बनी। यह आयोजन शांतिपूर्ण, भव्य और अनुकरणीय रहा।
🌻 समाजसेवा और भक्ति का प्रतीक बनता जा रहा कामां
कामां नगर में हर वर्ष आयोजित होने वाली बाल्मीकि जयंती शोभायात्रा अब सामाजिक एकता और धार्मिक जागरूकता का प्रतीक बन चुकी है। इस वर्ष की शोभायात्रा में पहले से अधिक जनभागीदारी और सामाजिक संस्थाओं की सक्रिय उपस्थिति रही।
जायंट्स ग्रुप ऑफ कामवन जैसे संगठन इस बात का उदाहरण हैं कि जब समाजसेवा और भक्ति साथ-साथ चलें, तो धार्मिक पर्व लोक-उत्सव का रूप ले लेते हैं।
🌼बाल्मीकि जयंती शोभायात्रा ने छोड़ी अमिट छाप
कुल मिलाकर बाल्मीकि जयंती शोभायात्रा ने कामां में श्रद्धा, सद्भाव और सांस्कृतिक उत्साह का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया। महर्षि वाल्मीकि जी के आदर्शों से प्रेरित होकर लोगों ने सत्य, अहिंसा और समानता का संदेश दिया।
ऐसे आयोजनों से न केवल धार्मिक भावना सशक्त होती है, बल्कि समाज में एकता, प्रेम और सहयोग की भावना भी गहराती है। बाल्मीकि जयंती शोभायात्रा 2025 निश्चित रूप से कामां नगर के इतिहास में एक प्रेरणादायक अध्याय के रूप में याद की जाएगी।
