
कपास किसान APP पर जागरूकता संगोष्ठी
दादा गंगाराम की रिपोर्ट
कोमाराम भीम आसिफाबाद, दहेगाम। कृषि क्षेत्र में तकनीकी बदलाव के दौर में कपास किसान APP किसानों के लिए एक बड़ा वरदान बनकर उभर रहा है। इसी क्रम में दहेगाम मंडल केंद्र स्थित रायथु वेदिका में 7 अक्टूबर 2025 को सुबह 10 बजे कपास किसान APP पर एक जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस संगोष्ठी में एईओ वामसी कृष्णा ने किसानों को बताया कि आने वाले दिनों में मंडल के सभी किसानों के लिए कपास किसान APP में पंजीकरण (registration) कराना अनिवार्य है, ताकि वे अपनी कपास की उपज को CCI (कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) को उचित मूल्य पर बेच सकें।
🌿 कपास किसान APP क्या है और क्यों है यह जरूरी?
भारत में कपास किसानों के लिए अक्सर उचित मूल्य, समय पर भुगतान और पारदर्शी प्रक्रिया एक बड़ी चुनौती रही है। कपास किसान APP को इन्हीं समस्याओं का समाधान करने के उद्देश्य से विकसित किया गया है।
यह मोबाइल एप्लिकेशन किसानों को सीधा CCI (Cotton Corporation of India) से जोड़ता है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाती है।
इस कपास किसान APP के माध्यम से किसान:
अपनी फसल की जानकारी ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं,
CCI केंद्रों में बिक्री स्लॉट बुक कर सकते हैं,
और अपनी भुगतान स्थिति (payment status) को वास्तविक समय में देख सकते हैं।
वामसी कृष्णा ने कहा कि यह एप किसानों की आर्थिक सुरक्षा, पारदर्शिता और स्मार्ट कृषि प्रणाली की दिशा में एक ठोस कदम है।
📱 डिजिटल युग में कदम बढ़ाते किसान
संगोष्ठी के दौरान उपस्थित किसानों को कपास किसान APP डाउनलोड करने और उसमें पंजीकरण की प्रक्रिया समझाई गई।
वामसी कृष्णा ने बताया कि किसान अपने आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, भूमि पट्टा और फसल विवरण दर्ज कर आसानी से पंजीकरण कर सकते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि पंजीकरण प्रक्रिया के बाद किसान अपनी फसल बेचने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे और उन्हें मिलने वाली MSP (Minimum Support Price) की राशि सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी।
किसानों के लिए यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है क्योंकि इससे न केवल भुगतान की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि कपास की गुणवत्ता और मात्रा का सटीक रिकॉर्ड भी बनेगा।
🧑🌾 किसानों ने जताई उत्सुकता और विश्वास
संगोष्ठी में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। उपस्थित किसानों ने बताया कि वे लंबे समय से एक ऐसे डिजिटल मंच की मांग कर रहे थे, जिससे उन्हें CCI केंद्रों पर अपनी कपास बिक्री से जुड़ी जानकारी बिना किसी परेशानी के मिल सके।
किसानों ने कहा कि कपास किसान APP से अब उन्हें मंडी की अनिश्चितता और बिचौलियों के शोषण से मुक्ति मिलेगी।
यह एप उन्हें समय की बचत, सटीक मूल्य जानकारी, और सरकारी योजनाओं की पहुंच जैसे लाभ भी देगा।
सरकारी अधिकारियों की अपील
कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों ने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र में डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।
उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे कपास किसान APP में जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन कर लें ताकि वे अपने उत्पादन को CCI के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने का मौका न गंवाएं।
वामसी कृष्णा ने कहा —
“कपास किसान APP न केवल कपास बिक्री का माध्यम है, बल्कि यह किसानों को आत्मनिर्भर और डिजिटल भारत का सक्रिय सहभागी बनाता है।”
🌾 भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम
दहेगाम मंडल की यह संगोष्ठी न केवल कपास किसान APP की जानकारी देने का माध्यम थी, बल्कि यह ग्रामीण भारत में डिजिटल क्रांति का प्रतीक भी बनी।
इस ऐप के माध्यम से किसान अपनी फसल, आय और बाजार मूल्य की जानकारी अपने मोबाइल पर पा सकेंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि मंडल के सभी किसान इस कपास किसान APP को अपनाते हैं, तो आने वाले वर्षों में कपास व्यापार में पारदर्शिता और स्थायित्व सुनिश्चित किया जा सकेगा।
दहेगाम में आयोजित कपास किसान APP जागरूकता संगोष्ठी ने यह साबित कर दिया कि भारतीय किसान अब तकनीकी रूप से सक्षम और सजग हो रहे हैं।
कृषि मंत्रालय और CCI की यह पहल न केवल कपास किसानों के जीवन को सरल बनाएगी, बल्कि उन्हें डिजिटल इंडिया मिशन से भी जोड़ देगी।
