हरदोई जिले में शनिवार की सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब देहात कोतवाली क्षेत्र के आशा गांव के पास स्थित श्याम जी दोना-पत्तल निर्माण फैक्ट्री में अचानक आग भड़क उठी। कुछ ही मिनटों में आग ने विकराल रूप ले लिया और तेज लपटें दूर से ही दिखाई देने लगीं। आग लगने की सूचना फैलते ही इलाके में अफरा-तफरी मच गई तथा लोग अपने घरों से निकलकर बाहर खुली जगहों पर आने लगे। हालांकि स्थिति के बीच सबसे बड़ी राहत की बात यह रही कि कर्मचारियों और ग्रामीणों की तत्परता से फैक्ट्री परिसर में रखे गैस सिलेंडरों को समय रहते बाहर निकाल लिया गया, जिससे एक विनाशकारी विस्फोट होने से बच गया।
कर्मचारियों और ग्रामीणों की सूझबूझ से टली बड़ी त्रासदी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग लगने के समय फैक्ट्री में बड़ी संख्या में गैस सिलेंडर और ज्वलनशील सामग्री मौजूद थी। जैसे ही आग बढ़ी, कर्मचारियों और आसपास के ग्रामीणों ने बिना समय गंवाए जोखिम उठाते हुए सिलेंडरों को बाहर निकालना शुरू कर दिया। इस दौरान कई क्षण बेहद खतरनाक थे, लेकिन साहस और सूझबूझ की बदौलत सभी सिलेंडर सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए। अगर सिलेंडरों में धमाका हो जाता, तो पूरे क्षेत्र में जनहानि और भारी तबाही होना तय था।
घने धुएं से लोग परेशान, घरों से बाहर निकले ग्रामीण
आग लगने के बाद फैक्ट्री से उठते धुएं ने पूरे इलाके को कुछ ही देर में ढक लिया। हवा में फैले धुएं से लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगी। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं एहतियात के तौर पर अपने घरों से बाहर निकल आए। कई लोग आग के फैलाव को देखते हुए काफी देर तक सुरक्षित दूरी पर खड़े रहे। स्थानीय लोग बताते हैं कि आग इतनी तेज थी कि उसकी तपिश दूर खड़े लोगों तक महसूस हो रही थी।
फायर ब्रिगेड का तीन घंटे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन
घटना की जानकारी मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। फायर ऑफिसर महेश प्रताप सिंह के अनुसार सुबह 7:15 बजे कॉल प्राप्त हुई, जिसके बाद दो फायर टेंडर भेजे गए। हालांकि आग की भयावहता को देखते हुए अतिरिक्त दो फायर टेंडर और मंगाए गए। लगातार तीन घंटे तक पानी की बौछारें की जाती रहीं, लेकिन फैक्ट्री में मौजूद सूखे कच्चे माल और रॉ-मटेरियल के कारण आग जल्दी शांत नहीं हो पा रही थी।
फायर कर्मियों के अथक प्रयासों की बदौलत आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है, लेकिन पूरी तरह बुझाने में अभी और समय लग सकता है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फैक्ट्री के आसपास के क्षेत्र को अस्थायी रूप से सील कर दिया गया है।
आग लगने का कारण अब तक स्पष्ट नहीं — प्रारंभिक जांच शुरू
प्रशासनिक टीम और पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है। फिलहाल आग लगने के कारणों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। मगर प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि मशीनों के पास रखे ज्वलनशील सामान में चिंगारी उड़ने से आग ने भयानक रूप लिया। फैक्ट्री में रखी तैयार सामग्री, मशीनें और कच्चा सामान पूरी तरह जलकर नष्ट हो चुका है। नुकसान के आंकलन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जो करोड़ों रुपये तक पहुंचने की संभावना है।
स्थानीय प्रशासन अलर्ट — सुरक्षा के नए दिशा-निर्देश जारी करने की तैयारी
इस हादसे के बाद प्रशासन औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों की पुनः समीक्षा करने की तैयारी में है। जानकारी के मुताबिक अग्नि सुरक्षा, गैस सिलेंडर भंडारण, विद्युत केबलिंग और ज्वलनशील पदार्थों की दूरी को लेकर नए दिशा-निर्देश लागू किए जा सकते हैं, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
📌 आग की घटना से जुड़े क्लिक करके सवाल–जवाब
आग लगने का मुख्य कारण क्या बताया जा रहा है?
प्रारंभिक जांच में संभावना जताई गई है कि मशीनों के पास रखे ज्वलनशील सामान में चिंगारी लगने से आग भड़की।
क्या गैस सिलेंडरों में विस्फोट हुआ?
नहीं। कर्मचारियों और ग्रामीणों ने समय रहते सभी सिलेंडरों को बाहर निकाल लिया, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
आग पर पूरी तरह कब तक काबू पाया जा सकेगा?
फायर ब्रिगेड के अनुसार आग पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया गया है, लेकिन पूरी तरह बुझाने में अभी और समय लग सकता है।
नुकसान कितना हुआ है?
तैयार सामान, मशीनरी और कच्चे माल के जलने से भारी नुकसान हुआ है। अनुमानित मूल्यांकन अभी जारी है।
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