सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को गोसाईगंज (लखनऊ) में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि लखनऊ में घुसपैठिये होने की बात पूरी तरह भ्रमित करने वाली है और इसे जानबूझकर राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है, जबकि शहर की सुरक्षा व्यवस्था देश में सबसे मजबूत मानी जाती है। यादव ने सवाल किया कि यदि यहां तथाकथित घुसपैठिये बस गए हैं तो उस दौरान प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और लखनऊ के सांसद — देश के रक्षामंत्री — क्या कर रहे थे?
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन गरीब और कमजोर वर्गों के सत्यापन के नाम पर उन्हें अपमानित और परेशान कर रहा है। सरकार इस प्रक्रिया के जरिए जनभावनाओं को भटकाने की कोशिश कर रही है ताकि अपनी विफलताओं को छिपाया जा सके।
कोडीन सिरप घोटाले पर बड़ा आरोप — “200 करोड़ से अधिक का कांड”
अखिलेश यादव ने वार्ता के दौरान एक और गंभीर मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वाराणसी और कई अन्य राज्यों में कोडीन युक्त सिरप का बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसकी राशि 200 करोड़ रुपये से भी अधिक हो सकती है। उनका आरोप है कि इस अवैध कारोबार में पुलिस-प्रशासन और सत्तारूढ़ दल के प्रभावशाली लोग शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस अवैध मुनाफे से महंगी गाड़ियां बांटी गईं, लेकिन शोरूम वाहन बेचने वालों ने जानकारी सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया। वाराणसी और जौनपुर में इन गाड़ियों का वितरण हुआ।
“बुलडोजर सिर्फ PDA पर चलता है” — सरकारी कार्रवाई पर निशाना
बुलडोजर की कार्यवाही पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि जब बड़े घोटाले, माफिया और अवैध कारोबार सामने आते हैं तो बुलडोजर गायब हो जाता है, लेकिन PDA जैसी संस्थाओं पर तुरंत चला दिया जाता है। यह न्याय व्यवस्था के दोहरे मापदंड का प्रमाण है।
संविधान और वोट अधिकार पर गंभीर चिंता
उन्होंने कहा कि सरकार मतदाताओं की पहचान और सत्यापन के नाम पर वोट कटवाने की योजना पर काम कर रही है। यदि वोट का अधिकार छीना गया तो आरक्षण समेत बाकी संवैधानिक अधिकार भी समाप्त हो सकते हैं। उन्होंने आम जनता से अपील की कि अपने नाम को मतदाता सूची में सुरक्षित रखें।
नशीले सिरप का इंटरनेशनल नेटवर्क — अफ्रीका तक फैला सिंडिकेट
सपा अध्यक्ष ने कोडीन सिरप सिंडिकेट को लेकर कहा कि यह नेटवर्क सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, पश्चिम बंगाल होते हुए नेपाल, बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका तक फैला हुआ है। इस अवैध व्यापार से हजारों परिवार प्रभावित हैं और कई मासूमों की जानें जा चुकी हैं, लेकिन प्रभावशाली लोगों के संरक्षण के कारण मामले दबाए जाते रहे।
उन्होंने कहा कि रूस के राष्ट्रपति के भारत दौरे से आम जनता के जीवन में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने वाला। दौरे का उद्देश्य आर्थिक और व्यापारिक लाभ तक सीमित है।
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घुसपैठियों के मुद्दे पर अखिलेश यादव क्या कह रहे हैं?
कोडीन सिरप घोटाले में किसकी भूमिका बताई गई?
वोट अधिकार को लेकर क्या अपील की गई?
नशीले सिरप सिंडिकेट का नेटवर्क कहां तक फैला बताया गया?
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