
डीएम सर, मेरी पत्नी रात में …— जिला समाधान दिवस में गूंजा अनोखा मामला
अनुराग गुप्ता की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने न केवल अधिकारियों को बल्कि वहां मौजूद लोगों को भी हैरान कर दिया। जिले की महमूदाबाद तहसील के निवासी मेराज नामक व्यक्ति ने जिला समाधान दिवस के दौरान जिलाधिकारी अभिषेक के सामने आकर कहा — “डीएम सर, मेरी पत्नी रात में नागिन बन जाती है और मुझे डराती है।”
यह सुनकर पूरा प्रशासनिक तंत्र कुछ पल के लिए स्तब्ध रह गया। लोग सोचने लगे कि आखिर ऐसा भी हो सकता है क्या? परंतु मेराज ने पूरे आत्मविश्वास से अपनी शिकायत दर्ज कराई और कहा कि वह पिछले कई महीनों से इस अजीबोगरीब स्थिति से जूझ रहा है।
😱 पति ने कहा— ‘डीएम सर मेरी पत्नी रात में नागिन बन जाती है’
मेराज ने बताया कि उसकी पत्नी नसीमुन मानसिक रूप से अस्थिर है और रात के समय उसका व्यवहार पूरी तरह बदल जाता है। वह अचानक नागिन की तरह हरकतें करने लगती है और उसे डराती है।
मेराज ने अधिकारियों से कहा, “डीएम सर मेरी पत्नी रात में मुझे जगाकर नागिन की आवाजें निकालती है, फुफकारती है और कमरे में रेंगती है। मैं पूरी रात जागता रहता हूं।”
मेराज का कहना है कि कई बार उसने इस बारे में स्थानीय पुलिस को भी बताया, लेकिन पुलिस ने इसे मज़ाक समझकर उसकी बात को गंभीरता से नहीं लिया।
🏠 महमूदाबाद तहसील का मामला बना चर्चा का विषय
सीतापुर जिले के लोधासा गांव निवासी मेराज की यह अनोखी शिकायत अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का केंद्र बन गई है। शनिवार को आयोजित जिला स्तरीय अधिकारी समाधान दिवस में जब मेराज ने “डीएम सर मेरी पत्नी रात में नागिन बन जाती है” जैसी बात कही, तो वहां मौजूद लोगों में खुसर-पुसर शुरू हो गई।
कुछ लोग इसे मानसिक समस्या बता रहे हैं तो कुछ लोग अंधविश्वास से जोड़ रहे हैं। वहीं प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।
👩⚕️ मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने क्या कहा?
विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार मानसिक तनाव, नींद की कमी या मानसिक बीमारी (जैसे सिज़ोफ्रेनिया या डिसोसिएटिव डिसऑर्डर) के कारण व्यक्ति में भ्रम पैदा हो सकता है। ऐसी स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को वास्तविकता और कल्पना में फर्क समझ नहीं आता।
एक मनोवैज्ञानिक ने बताया, “इस तरह के मामलों में अक्सर मरीज या उसके परिवारजन अंधविश्वास के शिकार हो जाते हैं। ‘डीएम सर मेरी पत्नी रात में नागिन बन जाती है’ जैसी शिकायतें वास्तव में मानसिक रोगों की अनदेखी का परिणाम होती हैं।”
🚔 डीएम अभिषेक ने पुलिस को दिए निर्देश
सीतापुर के जिलाधिकारी अभिषेक ने कहा कि “डीएम सर मेरी पत्नी रात में” जैसी शिकायत पहली बार उनके सामने आई है। उन्होंने बताया कि उन्होंने कोतवाली पुलिस को निर्देशित किया है कि इस पूरे प्रकरण की जांच कराई जाए और संबंधित परिवार को उचित चिकित्सा सहायता भी उपलब्ध कराई जाए।
डीएम अभिषेक का कहना है कि किसी व्यक्ति का इस प्रकार भयभीत होना या अंधविश्वास में जीना सामाजिक समस्या है, और प्रशासन का प्रयास रहेगा कि परिवार को सही दिशा दी जाए।
🧩 गांव में फैली तरह-तरह की चर्चाएं
लोधासा गांव के लोग अब इस मामले को लेकर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि नसीमुन पर किसी “आत्मिक प्रभाव” का असर है, जबकि कुछ अन्य इसे सिर्फ पारिवारिक तनाव का परिणाम बता रहे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि मेराज अक्सर लोगों से कहता है— “डीएम सर मेरी पत्नी रात में नागिन बन जाती है, मैं अब क्या करूं?” इस बात ने गांव में अंधविश्वास की नई लहर पैदा कर दी है। कई लोग अब इसे चमत्कार मान रहे हैं तो कुछ मज़ाक का विषय बना रहे हैं।
💬 सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ‘डीएम सर मेरी पत्नी रात में’ मामला
सोशल मीडिया पर यह मामला तेजी से वायरल हो गया है। ट्विटर (अब X) और फेसबुक पर “डीएम सर मेरी पत्नी रात में” हैशटैग ट्रेंड कर रहा है।
लोग इस पर मीम्स बना रहे हैं, तो कुछ यूज़र्स प्रशासन से सवाल कर रहे हैं कि आखिर ग्रामीण इलाकों में इस तरह के अंधविश्वास कब खत्म होंगे।
🔍 अंधविश्वास बनाम वास्तविकता
भारत के ग्रामीण समाज में आज भी अंधविश्वास गहराई से जड़ें जमाए हुए हैं। “डीएम सर मेरी पत्नी रात में” जैसी घटनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी अब भी बनी हुई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि प्रशासन ऐसे मामलों में त्वरित मानसिक स्वास्थ्य सहायता और परामर्श उपलब्ध कराए, तो कई परिवार अंधविश्वास के जाल से बाहर आ सकते हैं।
🧠 जरूरी है जागरूकता और परामर्श
यह मामला केवल एक परिवार की निजी परेशानी नहीं है, बल्कि समाज के उस हिस्से का आईना है जहां मानसिक रोगों को आज भी टोना-टोटका या दैवी प्रभाव मान लिया जाता है।
“डीएम सर मेरी पत्नी रात में नागिन बन जाती है” जैसी घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि शिक्षा और जागरूकता की रोशनी अब भी हर घर तक नहीं पहुंची है।
सीतापुर का यह अनोखा मामला न केवल प्रशासन के लिए बल्कि समाज के लिए भी चेतावनी है कि मानसिक स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ करना कितना खतरनाक हो सकता है।
“डीएम सर मेरी पत्नी रात में” कहकर जब मेराज ने मदद की गुहार लगाई, तो उसने अनजाने में उस कड़वी सच्चाई को उजागर कर दिया — हमारे समाज में आज भी अंधविश्वास, मानसिक बीमारी से बड़ी चुनौती बन चुका है।
