
दिन में फरार रात में एनकाउंटर — फिरोजाबाद में थ्रिलर जैसी वारदात
नरेश ठाकुर की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के मक्खनपुर क्षेत्र में रविवार को दिनभर एक फिल्मी सस्पेंस जैसा दृश्य देखने को मिला। दिन में फरार, रात में एनकाउंटर — यही वाक्य इस घटना का सार बताता है। पुलिस अभिरक्षा से फरार हुआ 2 करोड़ रुपये की लूट का मास्टरमाइंड नरेश अंततः रात में मुठभेड़ में मारा गया।
🔶 2 करोड़ की सनसनीखेज लूट और नरेश का नाम
30 सितंबर को फिरोजाबाद के मक्खनपुर क्षेत्र में 2 करोड़ रुपये की लूट ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी थी। पुलिस जांच में सामने आया कि इस पूरी वारदात का मास्टरमाइंड नरेश था, जो अलीगढ़ के खैर क्षेत्र का रहने वाला था।
डीआईजी आगरा शैलेश पांडेय ने नरेश पर ₹50,000 का इनाम घोषित कर रखा था। शनिवार देर शाम पुलिस ने नरेश समेत उसके गिरोह के पांच अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की थी। उनके पास से ₹1 करोड़ 5 हजार रुपये की नकदी बरामद की गई थी।
🔷 कोर्ट ले जाने से पहले हुई फरारी
रविवार शाम पुलिस टीम को सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश करना था, लेकिन उससे पहले पुलिस को सूचना मिली कि लूटी गई रकम में से अभी कुछ हिस्सा बाकी है। इस सूचना के आधार पर पुलिस नरेश को अलीगढ़ के खैर इलाके में बरामदगी के लिए ले गई।
वहां नरेश की निशानदेही पर करीब ₹20 लाख की नकदी और बरामद की गई। लेकिन जब पुलिस टीम उसे आगे की बरामदगी के लिए दूसरे स्थान पर ले जा रही थी, तभी नरेश ने शौच जाने का बहाना बनाया। पुलिस ने उसे मक्खनपुर के गांव घुनपई के पास सर्विस रोड किनारे रोका, और तभी नरेश ने मौका पाकर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया।
🔶 पुलिस महकमे में मचा हड़कंप
दिन में फरार रात में एनकाउंटर वाली इस वारदात ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया।
पुलिस ने तुरंत सघन चेकिंग अभियान चलाया, कई संभावित ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन नरेश का कोई सुराग नहीं मिला। डीआईजी आगरा ने खुद मामले की मॉनिटरिंग शुरू की और पुलिस टीमें मक्खनपुर, खैर और आसपास के इलाकों में फैला दी गईं।
🔷 रात आठ बजे हुई मुठभेड़, चली 20 मिनट तक गोलियां
रात करीब आठ बजे पुलिस को सूचना मिली कि नरेश मक्खनपुर बाईपास स्थित होटल डीएमआर के पास देखा गया है। पुलिस ने घेराबंदी की, तभी नरेश ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी।
एक गोली पुलिसकर्मी अनुज चौधरी के बुलेटप्रूफ जैकेट में धंस गई, जबकि थाना रामगढ़ प्रभारी संजीव दुबे को गोली लग गई और वे घायल हो गए। लगभग 20 मिनट चली मुठभेड़ के बाद पुलिस ने जवाबी फायरिंग में नरेश को ढेर कर दिया। पुलिस की गोली नरेश के सीने में लगी।
🔶 एनकाउंटर के बाद डीआईजी ने दी टीम को ₹50,000 की इनामी राशि
दिन में फरार रात में एनकाउंटर की इस फिल्मी कहानी के अंत में पुलिस ने राहत की सांस ली। डीआईजी शैलेश पांडेय ने एनकाउंटर में शामिल टीम को ₹50,000 का इनाम देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नरेश जैसे दुर्दांत अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
डीआईजी के अनुसार, “पुलिस का मनोबल बढ़ाने के लिए इस ऑपरेशन में शामिल सभी जवानों को सम्मानित किया जाएगा। इस मामले की जांच उच्च स्तर पर जारी है ताकि कोई भी तथ्य छूट न जाए।”
🔷 लूटकांड की पूरी कहानी
घटना तिथि: 30 सितंबर
स्थान: मक्खनपुर क्षेत्र, फिरोजाबाद
लूटी गई रकम: लगभग ₹2 करोड़
गिरफ्तारी: 5 आरोपी + मास्टरमाइंड नरेश
बरामद रकम: ₹1 करोड़ 25 लाख
नरेश का ठिकाना: अलीगढ़ के खैर क्षेत्र में
इनाम: ₹50,000
अंजाम: पुलिस मुठभेड़ में मारा गया नरेश
🔶 अपराधी का सफाया, पर पुलिस पर उठे सवाल
हालांकि पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की, लेकिन दिन में फरार रात में एनकाउंटर की इस घटना ने पुलिस सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल भी खड़े किए हैं।
आख़िर एक इतना बड़ा आरोपी पुलिस अभिरक्षा से फरार कैसे हो गया? क्या सुरक्षा में लापरवाही हुई थी या यह एक सोची-समझी रणनीति थी? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में जांच से मिल सकते हैं।
🔷 जनता में मिश्रित प्रतिक्रियाएं
फिरोजाबाद और अलीगढ़ में इस मुठभेड़ की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर दिन में फरार रात में एनकाउंटर ट्रेंड करने लगा।
कुछ लोगों ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना की तो कुछ ने इसे संदिग्ध करार दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि नरेश का आतंक लंबे समय से फैला हुआ था और पुलिस की कार्रवाई ने लोगों को राहत दी है।
🔶 नरेश के गिरोह की तलाश जारी
डीआईजी ने बताया कि नरेश के गिरोह के बाकी सदस्यों से पूछताछ जारी है। पुलिस को शक है कि अभी भी कुछ रकम और हथियार छिपाए गए हैं।
दिन में फरार रात में एनकाउंटर के बाद पुलिस अब गिरोह के नेटवर्क को तोड़ने में लगी है। खैर, मथुरा, आगरा और फिरोजाबाद में एक साथ सर्च ऑपरेशन चल रहा है।
फिरोजाबाद की यह घटना पुलिस और अपराधियों के बीच दिमाग़ और बंदूक की जंग का जीवंत उदाहरण है।
दिन में फरार रात में एनकाउंटर — इस एक लाइन में सस्पेंस, अपराध, पुलिसिया एक्शन और न्याय — सब कुछ समाहित है।
मुठभेड़ में नरेश का अंत भले ही हो गया, लेकिन यह मामला आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली और सुरक्षा मानकों पर बड़ी बहस जरूर छेड़ेगा।
