जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट
मऊ। मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी की गिरफ्तारी को लेकर उनके चाचा और सपा सांसद अफजाल अंसारी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इसे मऊ उपचुनाव से जोड़ते हुए राजनीतिक साजिश बताया है। पढ़िए पूरे घटनाक्रम का विस्तृत विवरण।
उमर अंसारी की गिरफ्तारी से मचा सियासी तूफान
पूर्वांचल की राजनीति में एक बार फिर बवंडर उठ गया है। बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को कोर्ट में कथित तौर पर फर्जी दस्तावेज पेश करने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी उस समय हुई जब उमर अपने बड़े भाई और विधायक अब्बास अंसारी के लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर मौजूद था।
इस कार्रवाई को लेकर उनके चाचा और गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे पूरी तरह से राजनीतिक साजिश करार दिया है और दावा किया कि उमर को जानबूझकर फंसाया गया है, ताकि मऊ विधानसभा सीट के संभावित उपचुनाव में अंसारी परिवार को कमजोर किया जा सके।
अफजाल अंसारी का आरोप: “उमर आंख की किरकिरी बन चुका था”
अफजाल अंसारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उमर अंसारी कुछ लोगों की आंखों में खटकने लगा था। उन्होंने कहा,
“उमर नशा करता है, न झगड़ा, न किसी से बैर रखता है। वह बस मूंछों पर ताव देता है और शायद यही उसकी सबसे बड़ी गलती बन गई है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि उमर को कमजोर करने के इरादे से डराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि उनके परिवार के हौसले को तोड़ने की कोशिश है। हालांकि, उन्होंने यह भी दोहराया कि उनके हौसले पहले से ज्यादा मजबूत हुए हैं और वे न्याय के लिए लड़ाई लड़ेंगे।
गिरफ्तारी की प्रक्रिया पर भी उठाए सवाल
इस मामले में सिर्फ गिरफ्तारी ही नहीं, बल्कि उसकी प्रक्रिया भी संदेह के घेरे में आ गई है। अफजाल अंसारी ने बताया कि उमर को बिना किसी पूर्व सूचना के गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने कहा कि जिस दिन उमर को पकड़ा गया, उसी शाम एफआईआर दर्ज की गई। यही नहीं, एफआईआर दर्ज करने वाला दारोगा ही जांच अधिकारी बना और उसी ने गिरफ्तारी भी की। यह पूरी प्रक्रिया, अफजाल के अनुसार, एकतरफा और मनमानी भरी थी।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे इस मामले को कोर्ट में चुनौती देंगे और न्याय की हर संभव लड़ाई लड़ेंगे।
मऊ उपचुनाव को लेकर गहराया शक
उमर अंसारी की गिरफ्तारी को लेकर अफजाल अंसारी ने जो सबसे बड़ा दावा किया, वह यह था कि पूरा घटनाक्रम मऊ उपचुनाव से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता हेट स्पीच मामले में रद्द हो चुकी है, और अब उस सीट पर उपचुनाव तय है।
अफजाल का मानना है कि कुछ राजनीतिक ताकतें इस चुनाव को हर हाल में जीतना चाहती हैं और इसलिए उमर को “रास्ते का पत्थर” मानकर हटाने की साजिश रची गई है।
“उमर अब्बास का हाथ-पैर था – कोर्ट, जनता, राजनीतिक कामकाज वही संभालता था। उसे जेल भेजकर हमारे परिवार की ताकत को कमजोर करने की कोशिश की गई है।”
“उमर पहली बार जेल गया है, लेकिन कमजोर नहीं पड़ेगा”
अफजाल अंसारी ने उमर की हिम्मत और मानसिक मजबूती पर भरोसा जताते हुए कहा कि लोग सोचते होंगे कि पहली बार जेल जाकर वह टूट जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं होगा। उन्होंने दावा किया कि उमर न केवल मानसिक रूप से मजबूत है, बल्कि उसके जेल जाने से उनके परिवार का हौसला और अधिक बुलंद हुआ है।
“यह जुल्म ज्यादा दिन नहीं चलेगा। हम सच और संविधान के रास्ते पर हैं, और अंततः जीत हमारी ही होगी।”
उमर अंसारी की गिरफ्तारी ने मऊ की सियासत में हलचल मचा दी है। एक ओर पुलिस का दावा है कि कार्रवाई दस्तावेजों की जांच के बाद की गई है, तो दूसरी ओर अंसारी परिवार इसे राजनीतिक हथकंडा बता रहा है।
अब देखना यह होगा कि कोर्ट इस मामले में क्या रुख अपनाता है और आने वाले मऊ उपचुनाव में यह मुद्दा किस तरह चुनावी मैदान में असर डालता है।