अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
गोंडा, उत्तर प्रदेश – देहात कोतवाली क्षेत्र के बालपुर बाजार के पास सोमवार की शाम एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जिसमें चलती एंबुलेंस से एक व्यक्ति का शव फेंककर नेशनल हाईवे को जाम करने की कोशिश की गई। इस मामले में पुलिस ने समाजवादी पार्टी (सपा) के जिला उपाध्यक्ष और ग्राम प्रधान बिंदेश्वरी पाल सहित 14 नामजद व 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
घटना का सिलसिला: कैसे शुरू हुई अराजकता
पुलिस की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, लक्ष्मनपुर जाट के गड़रियन पुरवा निवासी हृदयलाल का इलाज लखनऊ के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। वह 1 अगस्त को मारपीट की घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान सोमवार को उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद उनका शव एंबुलेंस के माध्यम से गांव लाया जा रहा था।
इसी दौरान आरोप है कि सपा नेता और ग्राम प्रधान बिंदेश्वरी पाल ने मृतक के परिजनों से संपर्क कर उन्हें हाईवे पर शव रखकर जाम लगाने के लिए उकसाया। लखनऊ से निकलते ही कथित रूप से साजिश के तहत यह योजना बनाई गई थी कि बालपुर बाजार के पास गोंडा-लखनऊ नेशनल हाईवे को अवरुद्ध किया जाएगा।
इस सूचना के बाद कई थानों की पुलिस को सतर्क कर मौके पर तैनात किया गया, फिर भी शाम को जब शव एंबुलेंस से गांव पहुंचा, तब चलती एंबुलेंस से शव को सड़क पर फेंक दिया गया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे क्षेत्र में भारी तनाव व्याप्त हो गया।
पुलिस का आरोप: हिंसा और अराजकता फैलाने की साजिश
उपनिरीक्षक आत्मा सिंह द्वारा देहात कोतवाली में दी गई तहरीर में उल्लेख है कि ग्राम प्रधान के नेतृत्व में भीड़ ने हाईवे जाम करने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस और आम राहगीरों पर पथराव किया गया। स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त फोर्स बुलानी पड़ी। अराजक तत्वों की हरकतों के कारण आस-पास की दुकानें भी बंद हो गईं।
पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि इस मामले में बिंदेश्वरी पाल, उनके भाई पूजाराम पाल, राजकुमार मौर्य, राजन यादव, हरीश चौहान, सूबेदार, निसार, शेषनाथ, शिवशंकर, भानु प्रकाश कोहली, शंभू, गंगा प्रसाद, राजू और लाल साहब सहित 14 लोगों को नामजद किया गया है। इसके साथ ही 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज हुआ है।
पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार ससम्मान करवाते हुए, हालात को नियंत्रित किया।
सपा नेता की सफाई: आरोप राजनीति से प्रेरित
इस मामले में सपा जिला उपाध्यक्ष और ग्राम प्रधान बिंदेश्वरी पाल ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, “मेरी मां का हाल ही में निधन हुआ है, सोमवार को महाभोज का कार्यक्रम था। इसके बावजूद, ग्राम प्रधान होने के नाते जब पुलिस ने बुलाया तो मैं मौके पर गया और परिजनों को समझा-बुझाकर शांतिपूर्वक अंतिम संस्कार के लिए तैयार किया।”
उन्होंने यह भी कहा कि उन पर लगाए गए आरोप पूर्णतः झूठे और राजनीति से प्रेरित हैं। “मैंने किसी को भी शव फेंकने या जाम लगाने के लिए नहीं उकसाया,” उन्होंने स्पष्ट किया।
सपा जिलाध्यक्ष अरशद हुसैन ने भी बिंदेश्वरी पाल का समर्थन करते हुए कहा कि पार्टी के जिला उपाध्यक्ष के रूप में वह जिम्मेदार पद पर हैं। उन्होंने बताया कि बिंदेश्वरी की माता जी का निधन हुआ है और बुधवार को तेरहवीं का आयोजन है। हाईवे जाम या शव फेंकने की घटना की कोई जानकारी नहीं है।
मामले की संवेदनशीलता और प्रशासन की भूमिका
यह घटना केवल कानून-व्यवस्था की दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी संवेदनशील बन गई है। जहां एक ओर प्रशासन इसे एक सुनियोजित साजिश मान रहा है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल इस पर राजनीतिक उत्पीड़न का आरोप लगा रहे हैं।
फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है और वायरल वीडियो सहित अन्य साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जांच में किन तथ्यों की पुष्टि होती है और कितनी सच्चाई इन आरोप-प्रत्यारोपों में है।