सण्डीला, हरदोई। मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर अभियान) के तहत सण्डीला में एक बड़ा खुलासा हुआ है। जिलाधिकारी अनुनय झा ने क्षेत्र में सत्यापन की प्रगति की समीक्षा की, जहां बताया गया कि एसआईआर का लगभग 90% कार्य पूरा हो चुका है। अभियान में बड़ी संख्या में मृतक, फर्जी और स्थायी रूप से बाहर रह रहे मतदाताओं के नाम सूची में दर्ज पाए गए।
93 हजार मृतक, 60,053 फर्जी और 1,96,264 पलायन मतदाता हुए चिन्हित
सत्यापन के दौरान 93,000 मृतक मतदाता पाए गए, जिनके नाम वर्षों से मतदाता सूची में बने हुए थे। इसके अलावा, 60,053 फर्जी नाम भी पहचाने गए हैं, जिनके दस्तावेज़ और पहचान संदिग्ध पाए गए। वहीं, 1,96,264 मतदाता ऐसे मिले जो लंबे समय से क्षेत्र छोड़कर बाहर बस चुके हैं और अब यहां मतदान की स्थिति में नहीं हैं।
एसआईआर अभियान के प्रमुख निष्कर्ष
- एसआईआर अभियान का 90% कार्य पूरा
- 93 हजार मृतक मतदाता चिन्हित
- 60,053 फर्जी नाम सामने आए
- 1,96,264 पलायन मतदाता पाए गए
- 23 लाख से अधिक मतदाताओं का सत्यापन पूरा
जिलाधिकारी अनुनय झा ने कहा कि मतदाता सूची की शुद्धता लोकतंत्र की पारदर्शिता के लिए सबसे जरूरी है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों और बीएलओ को निर्देश दिए कि सत्यापन के दौरान किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो और प्रत्येक प्रविष्टि दस्तावेज़ों के आधार पर ही अंतिम रूप दी जाए।
बीएलओ द्वारा घर–घर जाकर जानकारी जुटाई जा रही है और मृतक मतदाताओं के मामले में परिजनों द्वारा फॉर्म भरवाकर हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। फर्जी मतदाताओं की विस्तृत जांच की जा रही है और स्थायी रूप से बाहर बस चुके मतदाताओं के नाम हटाकर सूची को अपडेट किया जाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि ऐसे सत्यापन अभियान नियमित रूप से चलाए जाएँ, तो फर्जी मतदान एवं विवाद की संभावनाएँ स्वतः कम होंगी। सण्डीला में चल रहा यह सघन सत्यापन अभियान आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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सवाल 1: एसआईआर अभियान क्या है?
एसआईआर यानी विशेष मतदाता सत्यापन अभियान, जिसमें मतदाता सूची में दर्ज प्रत्येक नाम की वास्तविकता की जांच की जाती है ताकि मृतक, फर्जी और पलायन मतदाताओं को चिन्हित कर सूची को अद्यतन किया जा सके।
सवाल 2: सण्डीला में कितने मतदाताओं का सत्यापन पूरा हो चुका है?
अब तक 23 लाख से अधिक मतदाताओं का सत्यापन पूरा किया जा चुका है, जो कुल लक्ष्य का लगभग 90% है।
सवाल 3: मृतक और फर्जी मतदाताओं के नाम सूची से कैसे हटेंगे?
मृतक मतदाताओं के मामले में परिजनों से फॉर्म लेकर प्रक्रिया पूरी की जाती है जबकि फर्जी मतदाताओं पर जांच रिपोर्ट के आधार पर नाम हटाए जाते हैं और जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
सवाल 4: आम नागरिक इस अभियान में कैसे सहयोग कर सकता है?
बीएलओ को सही जानकारी और दस्तावेज़ देकर, तथा घर के सदस्यों की स्थिति में बदलाव की सूचना तुरंत देकर।
सवाल 5: इस अभियान से लोकतंत्र को क्या फायदा होगा?
शुद्ध मतदाता सूची से चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी बनती है और फर्जी मतदान की संभावना कम होती है।






