सेवा, सद्भाव और मानवता के सूत्रों के साथ दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि — वरिष्ठ पत्रकार जगदंबा उपाध्याय ने लिया परोपकार जारी रखने का संकल्प
आजमगढ़। वरिष्ठ पत्रकार जगदंबा उपाध्याय के पिताजी स्व० सुभाष चन्द्र उपाध्याय की चौथी पुण्यतिथि पर शुक्रवार को
समाजसेवा और मानवता के भाव से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम की शुरुआत घर पर श्रद्धांजलि के साथ हुई,
जिसके बाद जरूरतमंदों में वस्त्र वितरण कर पुण्यतिथि को सेवा दिवस के रूप में मनाया गया।
घर पर चित्र पर माल्यार्पण कर दी गई श्रद्धांजलि
सबसे पहले जगदंबा उपाध्याय ने अपने परिवार के साथ आवास पर स्व० सुभाष चन्द्र उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण किया।
दो मिनट का मौन रखकर उनके व्यक्तित्व और आदर्शों को याद किया गया। उपस्थित परिवारजनों ने कहा कि वे सदैव जरूरतमंदों की सहायता के लिए तत्पर रहते थे
और उनकी शिक्षाएँ आज भी मार्गदर्शन करती हैं।
गौरीशंकर घाट पर असहाय जनों में वस्त्र वितरण
श्रद्धांजलि के बाद परिवार गौरीशंकर घाट पहुंचा, जहां पहले से मौजूद असहाय एवं निर्धन लोगों को वस्त्र वितरित किए गए।
कार्यक्रम पूरी सादगी के साथ किन्तु अत्यंत संवेदनशील माहौल में सम्पन्न हुआ। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को कपड़े प्रदान किए गए,
जिन्हें पाकर उनके चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी।
इस अवसर पर जगदंबा उपाध्याय ने कहा कि “किसी प्रियजन की स्मृति को जीवित रखने का सबसे श्रेष्ठ तरीका सेवा और परोपकार है।”
उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि हर वर्ष पुण्यतिथि पर सामाजिक सेवा के कार्य अनिवार्य रूप से किए जाएंगे।
सेवा कार्यक्रम में सहयोगियों की भूमिका
कार्यक्रम के दौरान नीरज, अभिषेक, शुशील एवं अन्य सहयोगी उपस्थित रहे। सभी ने वस्त्र वितरण में सहयोग कर सेवा अभियान को सफल बनाया
और स्व० सुभाष चन्द्र उपाध्याय के व्यक्तित्व और विचारों को याद किया।
- घर पर चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई
- गौरीशंकर घाट पर असहायों में वस्त्र वितरण
- सेवा को सच्ची श्रद्धांजलि बताते हुए संकल्प लिया गया
- नीरज, अभिषेक, शुशील सहित अन्य सहयोगी मौजूद रहे
सवाल–जवाब
पुण्यतिथि पर मुख्य कार्यक्रम क्या था?
पुण्यतिथि पर पहले घर पर माल्यार्पण और श्रद्धांजलि दी गई, उसके बाद गौरीशंकर घाट पर जरूरतमंद लोगों में वस्त्र वितरित किए गए।
वस्त्र वितरण में कौन-कौन शामिल रहे?
वरिष्ठ पत्रकार जगदंबा उपाध्याय के साथ परिवार के सदस्य तथा नीरज, अभिषेक, शुशील सहित अन्य सहयोगी मौजूद रहे।
आगे के लिए क्या संकल्प लिया गया?
परिवार ने यह संकल्प लिया कि हर वर्ष पुण्यतिथि पर सेवा कार्य एवं सामाजिक सहायता के कार्यक्रम किए जाएंगे।






