रेलवे स्टेशन पर गुमसुम बैठी थी युवती , धीरे से पास पहुंचे GRP अफसर, नाम सुन प्लेटफॉर्म पर छाया सन्नाटा


ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

Red and Blue Geometric Patterns Medical Facebook Post_20251110_094656_0000
previous arrow
next arrow

लखनऊ न्यूज: अक्सर माता-पिता अपने बच्चों की गलतियों पर गुस्सा कर देते हैं, लेकिन उस गुस्से के पीछे प्रेम और चिंता छिपी होती है। मगर आजकल के बच्चे माता-पिता की नाराजगी को गलत समझ बैठते हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सामने आया है, जहां एक 12वीं क्लास की युवती अपने माता-पिता से नाराज होकर घर छोड़कर चली गई। बेटी के चले जाने से परिजनों में हाहाकार मच गया।

मामला भावनाओं और जिम्मेदारी दोनों का है। परिजनों ने अपनी बेटी की खोजबीन के लिए हर संभव प्रयास किया। गांव, मोहल्ले, रिश्तेदार—सब जगह ढूंढा, लेकिन बेटी का कोई सुराग नहीं मिला। आखिरकार उन्होंने पुलिस का सहारा लिया और थाने जाकर पूरी घटना की जानकारी दी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए युवती को खोजने का मिशन शुरू किया।

घर से नाराज होकर गई थी लखनऊ की 12वीं की छात्रा

लखनऊ के इस भावनात्मक मामले में पुलिस ने मानवीय संवेदना का परिचय दिया। ऑपरेशन मुस्कान और मिशन शक्ति फेज-5 के तहत चलाए जा रहे अभियान में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी। पुलिस ने कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से एक युवती को सकुशल बरामद किया, जो अपने माता-पिता से नाराज होकर घर से भाग आई थी।

इसे भी पढें  यूपी में जानवरों की चर्बी से बन रहा ‘पूजा का घी’, सनसनीखेज खुलासा

जीआरपी पुलिस ने बताया कि लड़की का नाम मुस्कान है, जो गिरीश प्रसाद की पुत्री और ग्राम पिपरहिया थाना महुआडीह जिला देवरिया की निवासी है। वह कुछ दिन पहले अपने माता-पिता की नाराजगी के चलते बिना बताए घर छोड़कर निकल आई थी और ट्रेन से कानपुर पहुंच गई थी।

कानपुर सेंट्रल पर जीआरपी पुलिस ने दिखाई सतर्कता

कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर जीआरपी पुलिस की टीम नियमित चेकिंग कर रही थी। तभी प्लेटफॉर्म पर अकेली बैठी एक लड़की पुलिस को दिखाई दी। पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि वह घर से नाराज होकर आई है। इस पर तुरंत पुलिस ने उसे सुरक्षित अपनी निगरानी में ले लिया और उसके परिजनों से संपर्क साधा।

जीआरपी पुलिस ने फोन के माध्यम से युवती के पिता गिरीश प्रसाद से संपर्क किया और उन्हें थाना बुलाया। पिता के आने पर बेटी को सकुशल उनके सुपुर्द कर दिया गया। उस पल की भावनाएं हर किसी को भावुक कर देने वाली थीं। पिता की आंखों में आंसू और बेटी के चेहरे पर राहत दोनों झलक रहे थे।

ऑपरेशन मुस्कान और मिशन शक्ति का असर

ऑपरेशन मुस्कान और मिशन शक्ति अभियान उत्तर प्रदेश पुलिस की दो प्रमुख पहल हैं, जिनका उद्देश्य लापता बच्चों, महिलाओं और युवतियों को सुरक्षित घर वापस लाना है। इस अभियान के तहत कानपुर जीआरपी पुलिस ने जो तत्परता दिखाई, वह मानवता की मिसाल है।

इसे भी पढें  सिपाही रेप मामला : अकबरपुर में दलित महिला से दरिंदगी, नशा खिलाकर महीनों किया शोषण

बरामदगी करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक ओम नारायण और अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे। इस सफलता के बाद परिजनों ने पुलिस की भूरी-भूरी प्रशंसा की और कहा कि जीआरपी टीम ने जिस संवेदनशीलता के साथ कार्य किया, वह सराहनीय है।

परिवार को मिला सुकून, पुलिस की प्रशंसा

परिजनों ने कहा कि बेटी के लापता होने के बाद उनकी रातें बेचैनी में बीतीं। लेकिन जीआरपी पुलिस की त्वरित कार्रवाई से उनका परिवार फिर से खुशहाल हो गया। उन्होंने कहा कि आज भी पुलिस पर आम जनता का विश्वास कायम है, बस जरूरत है संवेदनशीलता और तत्परता की।

पुलिस की इस कार्रवाई ने समाज को यह संदेश दिया कि जब भी कोई बच्चा या युवती घर से नाराज होकर कहीं चली जाए, तो घबराने की बजाय तुरंत पुलिस को सूचना दें। ऑपरेशन मुस्कान जैसे अभियानों की वजह से कई परिवारों की खुशियां वापस लौटी हैं।

माता-पिता और बच्चों के रिश्ते पर सबक

यह घटना सिर्फ एक समाचार नहीं, बल्कि एक सीख भी है। कभी-कभी माता-पिता की डांट बच्चों के भले के लिए होती है। लेकिन पीढ़ीगत अंतर के कारण बच्चे उसे गलत समझ बैठते हैं। इसीलिए जरूरी है कि परिवारों में संवाद बना रहे, ताकि ऐसे हालात पैदा न हों।

आज के समय में सोशल मीडिया और बाहरी दबावों के कारण युवाओं में भावनात्मक असंतुलन बढ़ता जा रहा है। इसलिए माता-पिता को चाहिए कि बच्चों की मनोस्थिति को समझें, वहीं बच्चों को भी अपने माता-पिता की चिंता को गलत न लें।

लखनऊ में घर से नाराज होकर भागी छात्रा की यह खबर एक चेतावनी है कि छोटी सी गलतफहमी कभी-कभी बड़े संकट में बदल सकती है। शुक्र है कि इस बार पुलिस की मुस्तैदी ने एक परिवार को टूटने से बचा लिया।

इसे भी पढें  अभय तिवारी : आजमगढ़ के उभरते एंकर जिन्होंने मंचों पर रच दी नई पहचान

निष्कर्ष

लखनऊ की 12वीं की छात्रा के घर से भागने और जीआरपी पुलिस द्वारा कानपुर सेंट्रल से बरामदगी की यह घटना न केवल एक पुलिस सफलता है बल्कि समाज के लिए भी एक संदेश है। ऑपरेशन मुस्कान और मिशन शक्ति जैसी योजनाएं तभी सफल होती हैं जब जनता भी पुलिस पर भरोसा रखे। यह कहानी साबित करती है कि पुलिस और जनता मिलकर हर मुस्कान को वापस ला सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

लखनऊ में घर से भागी छात्रा कौन थी?

छात्रा का नाम मुस्कान था, जो गिरीश प्रसाद की पुत्री और ग्राम पिपरहिया थाना महुआडीह जिला देवरिया की रहने वाली है।

लड़की को कहां से बरामद किया गया?

लड़की को जीआरपी पुलिस ने कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से ऑपरेशन मुस्कान के तहत सकुशल बरामद किया।

बरामदगी में कौन-कौन अधिकारी शामिल थे?

प्रभारी निरीक्षक ओम नारायण और जीआरपी पुलिस की टीम ने इस कार्रवाई को सफल बनाया।

ऑपरेशन मुस्कान क्या है?

ऑपरेशन मुस्कान उत्तर प्रदेश पुलिस की एक विशेष पहल है जिसका उद्देश्य लापता बच्चों और युवतियों को सुरक्षित घर वापस लाना है।

परिजनों ने पुलिस को क्या कहा?

परिजनों ने पुलिस की इस संवेदनशील कार्रवाई की भूरी-भूरी प्रशंसा की और धन्यवाद व्यक्त किया।

रिपोर्ट ठाकुर बख्श सिंह ©समाचार दर्पण

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Language »
Scroll to Top