Tuesday, August 5, 2025
spot_img

जब इश्क़ बना कत्ल का सबब: प्यार, धोखा और कत्ल का भयावह ताना-बाना

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

रिश्तों की डोर अगर धोखे की कैंची से कट जाए तो उसका अंजाम कितना भयावह हो सकता है, इसका ताज़ा उदाहरण उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले के आंवला इलाके में सामने आया। यहां एक व्यक्ति ने अपनी 21 साल की वैवाहिक ज़िंदगी को खत्म करने के लिए वो रास्ता चुना, जिसे सुनकर रूह कांप उठे। उसने अपनी ही पत्नी को बर्बरता से मौत के घाट उतार दिया—वो भी सिर्फ़ इसलिए क्योंकि उसके जीवन में अब एक औरत ‘मन्नत’ बनकर आ चुकी थी, और उसी की ‘मन्नत’ थी कि पहली पत्नी का कोई अस्तित्व ही न रहे।

इसे भी पढें  सड़क हादसे में सुप्रीम कोर्ट के वकील पवन प्रकाश पाठक की मौत, पत्नी गंभीर रूप से घायल

कहां से शुरू हुई मोहब्बत, और कैसे बना वो खौफनाक ‘प्लान’

घटना का मुख्य आरोपी ओमसरन पेशे से एक डेकोरेटर है, जो शादियों में स्टेज सजाने का काम करता था। वहीं बरेली के मोहल्ला बिहारीपुर की रहने वाली 25 वर्षीय मन्नत उर्फ निधि ब्यूटी पार्लर चलाती थी। दोनों की मुलाकात एक शादी समारोह के दौरान हुई और फिर बात धीरे-धीरे बढ़ती गई। ये मोहब्बत अब दिल से निकलकर जिस्म और ज़िंदगी तक पहुंच चुकी थी।

इसे भी पढें  पाकिस्तान में तबाही का तूफान: ऑपरेशन सिंदूर से 100+ आतंकी ढेर

बताया जा रहा है कि ओमसरन पहले से शादीशुदा था और तीन बच्चों का पिता भी। बावजूद इसके, उसने मन्नत के साथ नया रिश्ता बना लिया। मन्नत खुद भी तलाकशुदा थी और एक 2.5 साल के बच्चे के साथ अकेली रह रही थी।

जब रिश्तों का खौफनाक सौदा हुआ

शुरुआती दौर में दोनों ने छिपकर रिश्ता निभाया। छह से सात महीनों तक दोनों लिव-इन में रहे। ओमसरन ने एक किराए का कमरा लेकर वहां मन्नत के साथ रहना शुरू कर दिया। लेकिन जब मन्नत को यह आभास हुआ कि वह अब भी अपनी पत्नी के पास आता-जाता है, तो उसने एक सख्त शर्त रख दी—या तो पत्नी को छोड़ो या उसे खत्म कर दो।

इसे भी पढें  पाकिस्तानी नागरिक शुमायला खान 9 साल तक यूपी में शिक्षिका बनी रही, अब अब कहाँ हो गई गायब?

यहां से शुरू होती है वह कहानी, जो रिश्तों को केवल धोखा नहीं, बल्कि खून तक में बदल देती है।

शक, दबाव और फिर कत्ल की साजिश

ओमसरन की पत्नी को लेकर मन्नत में असुरक्षा की भावना गहराने लगी थी। उसे डर सताने लगा कि कहीं ओमसरन उसे फिर से अकेला न छोड़ दे। उसने कई बार दबाव बनाया कि वह अपनी पत्नी को तलाक दे दे या फिर उसे हमेशा के लिए रास्ते से हटा दे। कहते हैं, जब मोहब्बत जूनून बन जाए, तो इंसान सोचने-समझने की शक्ति खो देता है। यही हुआ ओमसरन के साथ।

इसे भी पढें  सुरक्षा में सेंध ; विदेशी आए, ठहरे और निकल भी गए… प्रशासन के पास कोई सूचना नहीं, होटल में कोई रिकॉर्ड नहीं…
इसे भी पढें  ऑपरेशन सिंदूर : भारत की सैन्य कार्रवाई और क़ौमी एकता का संदेश
इसे भी पढें  भाजपा ब्राण्ड कंपनी और 100 करोड़ की ठगी… . पूरी बात समझने के लिए पूरी खबर👇 पढिए, चौंक जाएंगे आप

30 जुलाई की रात, ओमसरन ने अपनी पत्नी को यह कहकर घर से बाहर बुलाया कि कहीं जरूरी जाना है। फिर सुनसान स्थान पर ले जाकर उस पर धारदार हथियार से ताबड़तोड़ वार किए। महिला वहीं खून से लथपथ गिर पड़ी और दम तोड़ दिया।

पुलिस ने खोली साजिश की परतें

हत्या के बाद ओमसरन ने पुलिस के सामने एक बनावटी कहानी रच दी। उसने बताया कि कुछ लुटेरों ने उन दोनों को रोका और पत्नी की हत्या कर दी। लेकिन पुलिस को उसकी कहानी में कई झोल नजर आए। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, वैसे-वैसे सच्चाई सामने आने लगी। कॉल रिकॉर्ड, मोबाइल लोकेशन और स्थानीय गवाहों के बयान ने ओमसरन की झूठी कहानी की परतें खोल दीं।

अंततः ओमसरन ने अपराध कबूल कर लिया और साथ ही उस महिला का नाम भी लिया जिसने उसे इस खौफनाक रास्ते पर चलने को उकसाया—मन्नत उर्फ निधि।

मन्नत भी गिरफ्तार

ओमसरन की निशानदेही पर पुलिस ने मन्नत को भी उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। मन्नत का कहना है कि उसने केवल इतना कहा था कि अगर साथ रहना है तो पत्नी को छोड़ना होगा, लेकिन हत्या के लिए उकसाने का आरोप वह नकार रही है। हालांकि, पुलिस के पास कई ऐसे डिजिटल और मौखिक साक्ष्य हैं जो उसके बयान से मेल नहीं खाते।

सवाल बहुत हैं…

इस दिल दहला देने वाली वारदात के बाद एक बार फिर वही सवाल उठते हैं—क्या प्यार इस कदर अंधा हो सकता है कि इंसान अपने बच्चों की मां की हत्या कर दे? क्या कोई महिला इतनी स्वार्थी हो सकती है कि दूसरी औरत के अस्तित्व को मिटा देने की शर्त रखे?

इस केस ने रिश्तों की बुनियाद, भरोसे और सामाजिक नैतिकता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि एक पूरे परिवार की आत्मा की हत्या है।

इसे भी पढें  उत्तर भारत में भीषण गर्मी का कहर: अगले 5 दिन तक नहीं मिलेगी राहत, 47 डिग्री तक पहुंचा पारा

बरेली की इस घटना ने समाज को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आधुनिक रिश्तों में बढ़ती निजी स्वार्थ की भावना, वासनात्मक मोहब्बत और संवेदनाओं का ह्रास किस कदर भयावह रूप ले चुका है। जहां पहले मोहब्बत में जान दी जाती थी, अब मोहब्बत के लिए जान ली जा रही है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,500SubscribersSubscribe

जो सत्ता से टकराया, वही सत्यपाल कहलाया: किसानों की आवाज़ और सत्ता का सच्चा आईना अब ख़ामोश हो गया

-मोहन द्विवेदी पूर्व राज्यपाल और किसान नेता सत्यपाल मलिक का 5 अगस्त 2025 को 79 वर्ष की उम्र में दिल्ली में निधन हो गया। छात्र...

49 साल पहले चुराई थी 150/ की घड़ी और अब जाकर मिली ये सजा… 2 आरोपी मर चुके लेकिन सबूतों ने फिर जिंदा कर...

ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट समय बीतता है, लेकिन कानून की पकड़ ढीली नहीं होती—इसकी मिसाल बनी उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की एक दुर्लभ न्यायिक...
- Advertisement -spot_img
spot_img

बाढ़ सिर्फ पानी नहीं लाती, वह ज़िंदगियों को उधेड़ जाती है : बुंदेलखंड की नदियों का कहर: राहत कागज़ों में, पीड़ा पानी में बह...

संजय सिंह राणा की रिपोर्ट चित्रकूट और बांदा, बुंदेलखंड की धरती के दो ऐसे जिले जो आमतौर पर सूखे, गरीबी और पलायन की कहानियों के...

ˈस्कूल से बहाने से निकली दो महिला शिक्षिका, 7 दिन बाद लौटी ऐसी जिद लिए कि पुलिस और परिजन दोनो हुए परेशान

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट देश में समलैंगिक संबंधों की स्वीकार्यता पर बहस वर्षों से जारी है। एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377...