गोंडा जिले में बेटी की शादी से पहले लूट और हत्या के बाद गोंडा पुलिस, यूपी एसटीएफ और महिला आयोग ने पीड़ित परिवार की मदद कर इंसानियत की अनूठी मिसाल पेश की।
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
गोंडा जनपद की पुलिस ने इस बार जो किया, उसने “मित्र पुलिस” की परिभाषा को एक नई ऊँचाई दी है। बेटी की शादी से पहले हुए डकैती और हत्या कांड के बाद जिस संवेदनशीलता और मानवीयता के साथ गोंडा पुलिस, यूपी एसटीएफ और महिला आयोग ने पीड़ित परिवार का साथ निभाया, वह पूरे जिले ही नहीं, बल्कि राज्यभर में चर्चा का विषय बन गया है।
घटना जो दिल दहला गई: लूट, हत्या और उजड़ी खुशियाँ
गोंडा जिले के उमरी बेगमगंज थाना अंतर्गत गांव डिक्सिर के मजरा धन्नीपुरवा में 24-25 अप्रैल की रात एक दर्दनाक घटना घटी। चोरों ने आधी रात को घर में घुसकर शादी के लिए रखा गया सामान, जेवर और नगदी लूट ली। जब शिवदीन (22 वर्ष) नामक युवक ने चोरों को पकड़ने की कोशिश की, तो उसे गोली मारकर हत्या कर दी गई।
युवती की शादी की तैयारियां जोरों पर थीं, लेकिन इस घटना ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डुबो दिया। खुशियाँ मातम में बदल गईं और पूरे गांव में दहशत फैल गई।
पुलिस के लिए चुनौती बनी वारदात, STF ने दिखाई तेजी
घटना के तुरंत बाद पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया और बदमाशों की धरपकड़ शुरू कर दी। कुछ ही दिनों में पुलिस ने दो अपराधियों को हाफ एनकाउंटर में और एक को दौड़ाकर पकड़ लिया। पकड़े गए अपराधियों में बृजेश उर्फ छोटू पासी, पल्लू पासी और नानमुन्ना लोध शामिल हैं।
वहीं मुख्य आरोपी सोनू उर्फ भुर्रे पासी और ज्ञानचंद्र पासी को 19 मई की रात सोनौली मोहम्मदपुर बंधा के पास मुठभेड़ में मार गिराया गया। सोनू पासी पर हत्या, डकैती, लूट और बलवा जैसे 48 से अधिक गंभीर मामले दर्ज थे। पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल की टीम ने अद्भुत कार्य करते हुए इलाके में व्याप्त भय को खत्म कर दिया।
अब नहीं अकेला है पीड़ित परिवार: पुलिस बनी संबल
घटना के बाद जब परिवार पूरी तरह से टूट चुका था, तब गोंडा पुलिस और एसटीएफ ने सिर्फ अपराधियों को सजा दिलाने तक खुद को सीमित नहीं रखा। उन्होंने पीड़ित परिवार की हरसंभव सहायता की। यहां तक कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर होने वाली शादी में पुलिस खुद घराती की भूमिका में नजर आएगी।
पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल की पत्नी, जो महिला आयोग की सदस्य भी हैं, उन्होंने भी पीड़ित परिवार से मिलकर सांत्वना दी और हर संभव मदद का भरोसा दिया। शादी का सामान पुलिस की ओर से पहले ही पहुंचा दिया गया है।
न्याय और मानवता का अद्भुत संगम
गोंडा पुलिस अधीक्षक का कहना है कि, “हमारा काम केवल अपराधियों को पकड़ना नहीं है, बल्कि ज़रूरतमंदों के साथ खड़े रहना भी हमारी जिम्मेदारी है। इस घटना में पुलिस ने कानून और करुणा, दोनों का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है।”
सिर्फ एक शादी नहीं, भरोसे की बहाली
इस घटना और उसके बाद हुई मानवीय पहल ने समाज में एक सकारात्मक संदेश दिया है। यह केवल एक शादी नहीं, बल्कि एक टूटे हुए परिवार में फिर से विश्वास और सम्मान जगाने की कोशिश है।