जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़। नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक सार्थक कदम उठाते हुए न्यू कला केंद्र द्वारा आजमगढ़ जिले में “पहल” नामक एक विशेष मेले का आयोजन किया गया। यह मेला श्री अग्रसेन महिला पी.जी. कॉलेज के प्रांगण में आयोजित हुआ, जिसमें न केवल जिले की महिला उद्यमियों को मंच मिला, बल्कि आसपास के जनपदों से आई महिलाओं को भी अपने हुनर का परिचय देने का अवसर प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम का भव्य उद्घाटन
कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व सांसद संगीता आज़ाद के करकमलों द्वारा फीता काटकर हुआ। उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में लाइफ लाइन हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर की डॉ. गायत्री सिंह यादव एवं श्री अग्रसेन महिला पी.जी. कॉलेज की प्राचार्या डॉ. निशा यादव भी उपस्थित रहीं।
पूर्व सांसद संगीता आज़ाद ने न केवल महिलाओं द्वारा लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण किया, बल्कि उनके आत्मनिर्भर प्रयासों की खुले दिल से प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि ऐसी पहल ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों की महिलाओं के लिए एक नई दिशा देने वाली हैं।
प्रेरणास्रोत बनीं सचिव विभा गोयल
कार्यक्रम में न्यू कला केंद्र समिति की सचिव विभा गोयल की उपस्थिति और उनके प्रयास चर्चा का विशेष केंद्र बने। विशेष बात यह रही कि विभा गोयल स्वयं दिव्यांग हैं, फिर भी उन्होंने महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करने का जो संकल्प लिया है, वह समाज के लिए एक प्रेरणा है।
डॉ. गायत्री सिंह यादव और डॉ. निशा यादव ने भी विभा गोयल के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि जब किसी के भीतर सच्ची सेवा भावना होती है, तो शारीरिक सीमाएं भी पीछे रह जाती हैं।
उत्पादों की विविधता और भीड़ का उत्साह
हालांकि मौसम ने कुछ बाधाएं डालीं और बारिश ने आयोजन को थोड़ा सा प्रभावित किया, लेकिन इसके बावजूद आमजन का उत्साह कम नहीं हुआ। मेले में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी, और उन्होंने जमकर खरीदारी की।
हस्तशिल्प, घरेलू उत्पाद, सजावटी वस्तुएं, पारंपरिक खाद्य पदार्थ और ऑर्गेनिक उत्पाद—इन सबके स्टॉल लगाए गए थे। महिलाओं ने अपने बनाए गए उत्पादों को बड़े आत्मविश्वास और व्यावसायिक शैली में प्रस्तुत किया।
मेले की खास बातें
लकी ड्रा कूपन योजना: आयोजकों द्वारा की गई यह पहल लोगों के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र रही। खरीदारों ने भारी उत्साह के साथ भाग लिया।
आतिथ्य सत्कार: सभी विशिष्ट अतिथियों को संस्था की ओर से अंगवस्त्र और स्मृति चिह्न भेंट किए गए।
आयोजन में सहयोग देने वालों की भूमिका
कार्यक्रम की सफलता के पीछे संस्था के सभी पदाधिकारियों और सहयोगियों की मेहनत स्पष्ट रूप से दिखाई दी। इनमें प्रमुख रूप से
सुधीर अग्रवाल (मुख्य सहयोगी), श्री अग्रसेन कॉलेज के प्रबंधक अनूप अग्रवाल, शशिकांत श्रीवास्तव, रवि सिंह, मीतू अग्रवाल, वंदना पांडेय, कीर्ति गर्ग, सुजान सिंह, प्रद्युम्न चौहान, विनोद यादव, सुदर्शन दास अग्रवाल, मुदिता अग्रवाल और निलाम्बुज गुप्ता जैसे नाम शामिल हैं।
सारांशतः कहा जा सकता है कि “पहल” मेला केवल एक व्यापारिक आयोजन नहीं, बल्कि नारी शक्ति के आत्मविश्वास और क्षमता का उत्सव था। ऐसे आयोजनों से न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने का अवसर मिलता है, बल्कि समाज में उनकी भूमिका को लेकर धारणा भी सकारात्मक रूप से बदलती है।
इस आयोजन ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि जब मंच और अवसर मिलते हैं, तो महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं—बस ज़रूरत है ऐसी ही पहलों की जो नई सोच और साहसिक नेतृत्व के साथ आगे बढ़ें।