सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
बांदा। सवर्ण समाज को संगठित करने और उनके अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से सक्रिय सवर्ण आर्मी संगठन अब जिले स्तर पर भी अपनी जड़ों को और अधिक मज़बूती देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसी क्रम में बांदा जिले की जिला कमेटी में एक महत्वपूर्ण फेरबदल करते हुए वरिष्ठ सदस्यों को नई जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं।
◆ संगठन का उद्देश्य — सवर्ण समाज के स्वाभिमान की रक्षा
यह संगठन राष्ट्रीय प्रमुख श्री सर्वेश पांडे एवं राष्ट्रीय महासचिव श्री शिवम सिंह के नेतृत्व में कार्य कर रहा है। इन दोनों नेताओं की अगुवाई में संगठन का मुख्य उद्देश्य सवर्ण समाज के ऊपर हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध आवाज़ उठाना और समाज को संगठित करना है।
आज के दौर में, जब अधिकतर राजनीतिक दल सवर्ण समाज की बात केवल चुनावों के समय करते हैं और बाद में उपेक्षा कर देते हैं, ऐसे में सवर्ण समाज के लिए यह संगठन एकमात्र प्रभावी मंच बनता जा रहा है।
◆ बांदा जिला कमेटी में हुआ पुनर्गठन
प्रदेश अध्यक्ष की स्वीकृति और बांदा जिला अध्यक्ष आर.के. द्विवेदी (एडवोकेट) की संस्तुति के बाद जिले की कमेटी में नए पदाधिकारियों की घोषणा की गई।
निम्न वरिष्ठ सदस्यों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गईं
डॉ. गोकर्ण प्रसाद — जिलाउपाध्यक्ष
(संगठन में लंबे समय से सक्रिय भूमिका निभा चुके वरिष्ठ सदस्य)
शिवकांत मिश्रा — जिला सचिव
(पूर्व जिला कार्यकारिणी सदस्य, अनुशासन और संगठन निर्माण में विशेष योगदान रहा है)
अखिलेश त्रिपाठी — जिलामंत्री
(पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष, बबेरू क्षेत्र से, जमीनी स्तर पर संगठन विस्तार में विशेष अनुभव रखते हैं)
◆ संगठनात्मक विस्तार की दिशा में एक मजबूत कदम
इन नियुक्तियों के साथ यह स्पष्ट हो गया है कि संगठन अब केवल नारों तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि व्यवस्थित नेतृत्व संरचना के माध्यम से गांव-गांव, तहसील-तहसील तक अपनी पहुँच मजबूत करना चाहता है।
जिलाध्यक्ष आर.के. द्विवेदी ने इस अवसर पर सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए आशा जताई कि वे अपने-अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करते हुए समाज और संगठन को सुदृढ़ बनाने में योगदान देंगे।
◆ अब आगे क्या?
सवर्ण आर्मी की यह पहल न केवल संगठन के विस्तार का प्रतीक है, बल्कि यह सवर्ण समाज के भीतर एक नई चेतना और संघर्ष की भावना को भी जन्म देती है। आने वाले दिनों में संगठन जनजागरण अभियान, सामाजिक संवाद और न्याय के लिए कानूनी लड़ाई जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी सक्रियता को और तेज़ कर सकता है।
निष्कर्षतः, यह स्पष्ट है कि सवर्ण आर्मी संगठन अब केवल सामाजिक मंच नहीं, बल्कि एक संगठित आंदोलन का रूप ले रहा है। बांदा में नई ज़िम्मेदारियों के साथ यह प्रयास समाज के भीतर नई ऊर्जा का संचार करेगा और सवर्णों की आवाज़ को न केवल स्थानीय बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाने का कार्य करेगा।