चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
गोंडा, उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में रविवार की सुबह एक बेहद हृदयविदारक हादसा घटित हुआ, जिसने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। मोतीगंज थाना क्षेत्र के सीहागांव निवासी प्रह्लाद गुप्ता अपने परिवार और करीबी रिश्तेदारों के साथ बोलेरो वाहन से प्रसिद्ध पृथ्वीनाथ मंदिर के दर्शन को निकले थे। इस वाहन में कुल 15 लोग सवार थे, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल थे।
अचानक हादसा—रेहरा गांव के पास सरयू नहर में समा गई बोलेरो
घटना उस समय घटी जब बोलेरो पारासराय-अलावल देवरिया मार्ग से गुजर रही थी। बताया जा रहा है कि रेहरा गांव के समीप सरयू नहर पुल पर वाहन अचानक अनियंत्रित हो गया और सीधे नहर में जा गिरा। तेज बहाव और गहराई ने सब कुछ क्षणभर में बदल दिया—लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला और नहर में चीख-पुकार मच गई।
बचाव कार्य में जुटा प्रशासन—11 शव बरामद, 4 लोग सुरक्षित
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। इटियाथोक थानाध्यक्ष केजी राव ने पुष्टि करते हुए बताया कि बोलेरो में सवार 15 में से 11 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, वाहन चालक सहित चार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। बचाए गए बच्चों और चालक को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
एसपी की पुष्टि—शव मोर्चरी भेजे गए, स्थिति नियंत्रण में
गोंडा के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि इस भीषण हादसे में मृतकों में कई महिलाएं और मासूम बच्चे भी शामिल हैं। प्रशासन की ओर से तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया था, और एसडीआरएफ की टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल की मोर्चरी में भेजा गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक—घायलों के इलाज के निर्देश, 5-5 लाख की मदद की घोषणा
दुर्घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का आदेश दिया है। साथ ही, घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि सभी वरिष्ठ अधिकारी राहत और बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं और पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद दी जा रही है।
मृतकों की सूची—एक ही परिवार के कई सदस्य काल के गाल में समाए
इस हादसे में जिन लोगों की जान गई, वे सभी एक ही परिवार से संबंध रखते हैं। मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई है:
बीना कसौधन (35 वर्ष) पत्नी प्रहलाद कसौधन, काजल कसौधन (28 वर्ष), महक (12 वर्ष), रामकरण कसौधन (37 वर्ष), अनसुइया कसौधन (32 वर्ष), सौम्या कसौधन (10 वर्ष), शुभ कसौधन (7 वर्ष), दुर्गेश कसौधन (35 वर्ष), अमित कसौधन (12 वर्ष), संजू वर्मा (28 वर्ष), अंजू वर्मा (22 वर्ष)
स्थानीय ग्रामीणों की मदद से चला रेस्क्यू ऑपरेशन
घटना की भयावहता को देखकर आसपास के गांवों के लोग भी मदद के लिए दौड़ पड़े। स्थानीय ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर घंटों तक चले रेस्क्यू अभियान में सहयोग किया। कई ग्रामीणों की आंखों में आंसू थे, क्योंकि हादसे ने उनके अपने लोगों को हमसे छीन लिया था।
अभी भी जारी है जांच—वाहन की गति और चालक की लापरवाही की भी हो रही पड़ताल
हालांकि बचाव कार्य अब पूरा हो चुका है, लेकिन हादसे के पीछे के कारणों की जांच अभी चल रही है। प्रशासन यह पता लगाने में जुटा है कि हादसा महज तकनीकी खराबी से हुआ या फिर ड्राइवर की लापरवाही भी इसके पीछे एक कारक रही। परिवहन विभाग भी इस घटना की स्वतंत्र जांच कर रहा है।
अंत में: सवाल बाकी हैं, ज़िंदगी का यह पल भर में बदल जाना सिखाता है बहुत कुछ
यह हादसा सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि जीवन की अनिश्चितता की एक क्रूर याद दिलाता है। एक ही परिवार के 11 लोग एक साथ मंदिर के दर्शन को निकले थे, लेकिन लौटे तो सिर्फ उनकी यादें रह गईं। अब उनके पीछे सिर्फ रोते-बिलखते परिजन, शोक में डूबा गांव और एक लंबी चुप्पी है।
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