संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में कोषागार विभाग के 43.13 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा होने के बाद हड़कंप मच गया है। इस चित्रकूट कोषागार घोटाले में शामिल जालसाज इतने शातिर थे कि उन्होंने अपने परिचितों, रिश्तेदारों और बिचौलियों के माध्यम से पेंशनरों के समानांतर फर्जी बैंक खाते खुलवा लिए थे। इन खातों में ट्रेजरी से सरकारी धनराशि धड़ाधड़ ट्रांसफर होती रही और कोई भनक तक नहीं लगी। अब SIT जांच में घोटाले की परतें खुल रही हैं और आरोपियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
सरकारी धन की लूट – कोषागार से सीधे फर्जी खातों में ट्रांसफर
जांच में सामने आया है कि पेंशनर खातों के समानांतर कई बैंक खाते खोले गए। इन खातों को कोषागार विभाग से जोड़ दिया गया ताकि सरकारी पेंशन की रकम सीधे ट्रांसफर हो सके। यह काम कुछ बैंक कर्मचारियों और कोषागार अधिकारियों की सांठगांठ से संभव हुआ। फर्जी खातों में सरकारी धन आते ही बिचौलिए उसे निकालकर धड़ाधड़ खर्च कर देते थे।
जालसाजों ने इस पूरे पेंशन घोटाले को इतनी सफाई से अंजाम दिया कि असली पेंशनरों को पता तक नहीं चला कि उनके नाम पर कोई दूसरा खाता चल रहा है। पेंशनरों को समय से उनका हिस्सा मिल जाता था, जिससे किसी को संदेह नहीं हुआ।
97 से बढ़कर 99 हुए आरोपी, 10 और निशाने पर
इस चित्रकूट ट्रेजरी स्कैम में अब तक 97 आरोपियों के नाम दर्ज थे। शनिवार को दीपक पांडेय और रणविजय यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। ये दोनों आरोपी पहले नामजद नहीं थे, लेकिन जांच में सामने आया कि ये भी फर्जी पेंशन खाते संचालित कर रहे थे। इसके साथ ही आरोपियों की संख्या बढ़कर 99 हो गई है।
जांच में यह भी पता चला है कि 10 और संदिग्ध खाते ऐसे हैं जिनमें कोषागार विभाग से धनराशि पहुंची, लेकिन वे किसी पेंशनर के नाम पर नहीं हैं। अब पुलिस इन 10 लोगों की तलाश में जुटी है।
SIT की दिनभर की जांच – 10 पेंशनरों से पूछताछ
रविवार को SIT टीम ने पूरे दिन बैंक खातों और दस्तावेजों की जांच की। 10 पेंशनरों से पूछताछ की गई जिनसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। चार पेंशनरों ने बताया कि उनके खाते से रुपये निकालने वाले उनके ही परिचित थे, जो हर महीने पेंशन के अलावा 20 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि बोनस के रूप में देते थे। शेष 80 प्रतिशत रकम विभागीय कर्मचारियों और बिचौलियों के बीच बंट जाती थी।
सीओ सिटी अरविंद वर्मा और सहायक अजीत पांडेय ने बताया कि जांच में कई नए नाम और खाते सामने आ रहे हैं। संभावना है कि आने वाले दिनों में आरोपियों की संख्या 100 पार कर जाए।
रिटायर्ड बैंक मैनेजर का खुलासा – बिना सांठगांठ असंभव
एसबीआई के रिटायर्ड मैनेजर रावेंद्र कुमार पांडेय का कहना है कि “किसी अन्य व्यक्ति के नाम से खाता खोलना तो संभव है, लेकिन उसमें सरकारी पेंशन की धनराशि ट्रांसफर होना कोषागार विभाग की मिलीभगत के बिना नामुमकिन है।” उन्होंने यह भी कहा कि कुछ बैंक कर्मचारियों ने भी इस पेंशन घोटाले में परोक्ष रूप से सहयोग किया होगा।
चार विभागीय अधिकारी और 93 पेंशनर नामजद
अब तक की जांच में चार विभागीय अधिकारी-कर्मचारी और 93 पेंशनर व सहयोगी नामजद किए जा चुके हैं। एएसपी सत्यपाल सिंह ने बताया कि “घोटाले में नामजदों की संख्या अब 99 हो चुकी है, जबकि दस और संदिग्धों की जांच चल रही है। आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ सकती है।”
रविवार को रिकवरी नहीं, जांच जारी
पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि रविवार को बैंकों में अवकाश होने के कारण किसी तरह की रिकवरी नहीं की जा सकी। लेकिन पूरे घोटाले की तहकीकात में SIT लगातार जुटी रही। सोमवार से बैंक रिकॉर्ड के मिलान के बाद नई गिरफ्तारियां संभव हैं।
कैसे चला 43.13 करोड़ का चित्रकूट कोषागार घोटाला
- कोषागार विभाग के कुछ कर्मचारियों और बैंक अधिकारियों की सांठगांठ से फर्जी पेंशन खाते खोले गए।
- इन खातों में असली पेंशनरों के नाम और दस्तावेजों की मदद से रकम ट्रांसफर कराई गई।
- बिचौलिए सरकारी धन निकालकर हिस्से में बांटते रहे।
- पेंशनरों को समय पर रकम और अतिरिक्त “बोनस” दिया जाता था ताकि शक न हो।
- SIT जांच में अब तक 99 आरोपी और 10 संदिग्ध सामने आ चुके हैं।
महत्वपूर्ण सवाल-जवाब (FAQ)
1. चित्रकूट कोषागार घोटाला कितना बड़ा है?
यह घोटाला लगभग 43.13 करोड़ रुपये का है, जिसमें पेंशनर खातों के नाम पर सरकारी धन गबन किया गया।
2. अब तक कितने आरोपी सामने आए हैं?
अब तक 99 आरोपी नामजद हो चुके हैं, जबकि 10 और संदिग्ध जांच के दायरे में हैं।
3. इस घोटाले में कौन-कौन विभाग शामिल हैं?
मुख्य रूप से कोषागार विभाग, बैंक अधिकारी और कुछ पेंशनर व बिचौलिए इसमें शामिल पाए गए हैं।
4. SIT जांच की क्या स्थिति है?
SIT टीम बैंक खातों, ट्रांजैक्शन और दस्तावेजों की जांच में लगी है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं।
5. क्या रिकवरी शुरू हुई है?
रविवार को अवकाश होने के कारण रिकवरी नहीं हो सकी, लेकिन सोमवार से बैंकिंग दस्तावेजों की जांच के साथ रिकवरी की प्रक्रिया शुरू होगी।
📌 रिपोर्ट : संजय सिंह राणा | चित्रकूट






