लापता सांसद-विधायक की तलाश : आजमगढ़ में पोस्टर वार से गरमाई सियासत

"आजमगढ़, उत्तर प्रदेश की सड़कों पर लगा पोस्टर जिसमें सांसद और विधायक की तलाश का संदेश लिखा है, साथ में गड्ढों की तस्वीरें हैं।"

लापता सांसद-विधायक की तलाश ने मचाई बवाल

समाचार दर्पण 24.कॉम की टीम में जुड़ने का आमंत्रण पोस्टर, जिसमें हिमांशु मोदी का फोटो और संपर्क विवरण दिया गया है।
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250922_085217_0000
Schools Poster in Light Pink Pink Illustrative Style_20250922_085125_0000
Blue Pink Minimalist Modern Digital Evolution Computer Presentation_20250927_220633_0000
Red and Yellow Minimalist Truck Services Instagram Post_20251007_223120_0000
Red and Black Corporate Breaking News Instagram Post_20251009_105541_0000
समाचार दर्पण 24 टीम जॉइनिंग पोस्टर – राजस्थान जिला ब्यूरो आमंत्रण
Light Blue Modern Hospital Brochure_20251017_124441_0000
IMG-20251019-WA0014
Picsart_25-10-21_19-52-38-586
previous arrow
next arrow

जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश की राजनीति में लापता सांसद-विधायक की तलाश कोई नया मुद्दा नहीं है। राज्य में अक्सर ऐसे पोस्टर वार सियासी हलचलों को जन्म देते रहे हैं। लेकिन इस बार मामला आजमगढ़ से जुड़ा है, जहां दशहरा मेले में जाने वाले लोगों की नजर अचानक एक पोस्टर पर पड़ी। इस पोस्टर में बड़े अक्षरों में लिखा गया था – “ग्राम सभा डुगडुगवां के लोगों को सांसद-विधायक की तलाश।” खास बात यह है कि यह पोस्टर सीधे समाजवादी पार्टी (सपा) कार्यालय के पास लगाया गया है।

आजमगढ़ में क्यों उठी सांसद-विधायक की तलाश?

लापता सांसद-विधायक की तलाश वाला यह पोस्टर इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। पोस्टर में न केवल जनप्रतिनिधियों की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाया गया है, बल्कि डुगडुगवां ग्रामसभा की समस्याओं की तस्वीरें भी लगाई गई हैं। जब लोग दशहरे का मेला देखने निकले तो पोस्टर देखकर हैरान रह गए।

इसे भी पढें  स्वच्छ भारत मिशन: हीरापट्टी पंचायत में विशेष स्वच्छता अभियान, डेंगू-मलेरिया के बढ़ते खतरे से सावधानी

आजमगढ़ संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव सांसद हैं और जिले की सभी 10 विधानसभा सीटें भी सपा के पास हैं। इसके बावजूद ग्रामीणों की नाराजगी इस बात का सबूत है कि स्थानीय समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। यही कारण है कि लापता सांसद-विधायक की तलाश का स्लोगन लोगों की जुबान पर चढ़ गया है।

सपा कार्यालय के पास लगे पोस्टर का बढ़ा महत्व

आजमगढ़ में लगे इस पोस्टर का एक खास पहलू है – यह सीधे सपा कार्यालय के पास लगाया गया है। इससे साफ है कि ग्रामीणों का संदेश सीधे सत्ताधारी संगठन को दिया गया है। ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को उजागर करने के लिए इस तरीके को चुना और इसे लेकर पूरे जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

लापता सांसद-विधायक की तलाश के इस अभियान ने न केवल लोगों को सोचने पर मजबूर किया, बल्कि विपक्षी दलों को भी सपा पर हमला करने का मौका मिल गया।

इतिहास दोहराया : जब मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी लगे थे पोस्टर

दिलचस्प बात यह है कि आजमगढ़ में लापता सांसद-विधायक की तलाश कोई पहली बार नहीं हुई। जब मुलायम सिंह यादव इस क्षेत्र से सांसद थे, उस समय भी “सांसद लापता” वाले पोस्टर लगे थे। यह दिखाता है कि जनता जब अपनी आवाज नहीं सुनी जाती, तो पोस्टर और होर्डिंग्स के जरिए ही गुस्सा जाहिर करती है।

इसे भी पढें  मानवाधिकार संरक्षण संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित द्विवेदी का आजमगढ़ में भव्य स्वागत

आज भी वही सिलसिला जारी है, फर्क सिर्फ इतना है कि अब सपा के मौजूदा सांसद धर्मेंद्र यादव और विधायक निशाने पर हैं।

बीजेपी का सपा पर सीधा हमला

लापता सांसद-विधायक की तलाश को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी पर जोरदार हमला बोला है। भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जयनाथ सिंह ने कहा:

जब जिले में हिंदुओं के त्योहार होते हैं तो सांसद और विधायक दिखाई नहीं देते।

अन्य त्योहारों में वही नेता टोपी पहनकर बधाई देते नजर आते हैं।

यही वजह है कि जनता अब जगह-जगह उनके लापता होने के पोस्टर लगाने पर मजबूर है।

जयनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि सपा केवल दिखावे की राजनीति करती है जबकि भाजपा विकास कार्यों पर ध्यान देती है।

क्या संदेश देती है लापता सांसद-विधायक की तलाश?

लापता सांसद-विधायक की तलाश वाले पोस्टरों ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जनता और जनप्रतिनिधियों के बीच दूरी क्यों बढ़ रही है? लोकतंत्र में जनता की अपेक्षा होती है कि उनका सांसद और विधायक उनके बीच मौजूद रहे, उनकी समस्याओं को सुने और समाधान करे। लेकिन जब ऐसा नहीं होता तो जनता इस तरह के रचनात्मक विरोध का रास्ता अपनाती है।

इसे भी पढें  महारैली के बाद अब ‘पावर शो’ : बसपा जुटेगी विधानसभा चुनाव तक माहौल बनाए रखने में

आजमगढ़ का यह मामला सिर्फ एक जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश की राजनीति को आईना दिखाता है।

आजमगढ़ में लगे पोस्टरों ने साफ कर दिया है कि लापता सांसद-विधायक की तलाश अब सिर्फ नारे तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जनता की नाराजगी और आक्रोश की आवाज है। दशहरे जैसे बड़े पर्व पर जब लोग मेला देखने निकले तो उन्हें जनप्रतिनिधियों की गैरमौजूदगी का अहसास इन पोस्टरों के जरिए हुआ।

इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि जनता अब चुप नहीं रहती, बल्कि अपनी समस्याओं को सामने लाने के लिए हर संभव तरीका अपनाती है।

सवाल यह है कि क्या समाजवादी पार्टी इस संदेश को गंभीरता से लेगी या फिर भाजपा की तरह इसे राजनीति का मुद्दा बनाकर छोड़ दिया जाएगा?

समाचार दर्पण 24 का डिजिटल पोस्टर जिसमें नारा "जिद है दुनिया जीतने की" लिखा है और संस्थापक की तस्वीर दिखाई दे रही है।
समाचार दर्पण 24 – क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खबरों का प्रमुख ऑनलाइन प्लेटफॉर्म।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
Scroll to Top