हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
सीपत, छत्तीसगढ़। एनटीपीसी सीपत प्रबंधन के रवैये से नाराज़ स्थानीय ग्रामीणों और भूविस्थापितों ने अब मोर्चा खोल दिया है। वर्षों पूर्व भूमि अधिग्रहण के समय किए गए वादों और दिशा-निर्देशों के पालन में हो रही भारी अनदेखी के खिलाफ भूविस्थापित सर्वदलीय मंच की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें क्षेत्र के आठ प्रभावित गांवों के जनप्रतिनिधियों और प्रबुद्धजनों की उपस्थिति में “भूविस्थापित कोर कमेटी” का गठन किया गया।
स्थानीय लोगों की उपेक्षा पर फूटा आक्रोश
बैठक में यह बात प्रमुखता से उठाई गई कि एनटीपीसी प्रबंधन ने वादा किया था कि जिन लोगों की जमीनें अधिग्रहित की जाएंगी, उन्हें नौकरी, मजदूरी, शिक्षा और स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। किंतु, वास्तविकता इसके विपरीत है।
स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है, वहीं बाहर के लोग यहां आकर नौकरियों में काबिज हो गए हैं। इससे क्षेत्रीय युवाओं में भारी असंतोष व्याप्त है। लोग मजबूरी में दूसरे शहरों में पलायन कर रहे हैं, जबकि सीपत जैसे औद्योगिक क्षेत्र में ही उन्हें रोजगार मिलना चाहिए था।
जनप्रतिनिधियों की भूमिका में नई पहल
भूविस्थापित सर्वदलीय मंच की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिला, जनपद स्तर के जनप्रतिनिधियों, सरपंचों व पंचों के नेतृत्व में ही आगे की लड़ाई लड़ी जाएगी। साथ ही यह भी तय किया गया कि प्रभावित आठ गांवों के अतिरिक्त आस-पास के अन्य ग्रामों को भी कोर कमेटी में प्रतिनिधित्व दिया जाएगा, ताकि यह संघर्ष व्यापक जनआंदोलन का रूप ले सके।
मांगें पूरी नहीं हुईं, तो होगा उग्र आंदोलन
बैठक में तय हुआ कि आने वाले समय में एनटीपीसी प्रबंधन के सामने ठोस मांगों की सूची रखी जाएगी। यदि उनकी सुनवाई नहीं होती, तो आंदोलन को और अधिक उग्र रूप दिया जाएगा।
इसके लिए रणनीतिक रूपरेखा बनाई जाएगी जिसमें यह तय किया जाएगा कि किन मुद्दों पर चर्चा करनी है और आगे की कार्रवाई कैसी हो।
बैठक में प्रमुख लोगों की सहभागिता
इस महत्वपूर्ण बैठक में कई जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। इनमें शामिल थे:
इंजीनियर रामेश्वर खरे (पूर्व विधायक), राजेंद्र धीवर (जिला पंचायत सदस्य), तामेश्वर कौशिक (वरिष्ठ भाजपा नेता व किसान प्रतिनिधि), अशोक सूर्यवंशी (पूर्व जिला पंचायत सदस्य), चंद्रप्रकाश सूर्या (सभापति जिला पंचायत प्रतिनिधि), शत्रुघ्न लास्कर (ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन अध्यक्ष), मनोज खरे (सभापति जनपद पंचायत मस्तूरी), रेवाशंकर साहू, विजय गुप्ता (जनपद सदस्य), योगेश वंशकार (सीपत सरपंच प्रतिनिधि), विक्रम प्रताप सिंह, राजेन्द्र पाटले, संजय पटेल (सरपंच प्रतिनिधि), शैलेन्द्र खांडेकर, दुर्गा साहू, रूबी, धनिया (सरपंच प्रतिनिधि), कृष्ण कुमार राठौर, दुर्गा तिवारी, राधेश्याम मिश्रा, रोशन जायसवाल, आशीष बाकरे, नूर मोहम्मद, मनोहर पात्रे, हेमंत यादव, शिव यादव, माखन श्रीवास, जीतेंद्र लास्कर, संजय गुप्ता, वृंदा सूर्यवंशी तथा क्षेत्र के अनेक अन्य जनप्रतिनिधि, उपसरपंच, पंचगण व ग्रामीणजन भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
सीपत क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण से लेकर आज तक के वादों के टूटने ने जनाक्रोश को जन्म दिया है। एनटीपीसी जैसे बड़े सार्वजनिक उपक्रम द्वारा किए गए वायदों की अनदेखी अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कोर कमेटी के गठन से यह स्पष्ट है कि स्थानीय जन अब संगठित हो रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर प्रबंधन से दो-टूक बातचीत को तैयार हैं। यदि मांगे पूरी नहीं हुईं, तो यह विरोध सड़क से सदन तक पहुंच सकता है।