📰 ब्यूरो रिपोर्ट
चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के मानिकपुर विकास खंड के अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत रैपुरा आज एक मिसाल बन चुका है। जहां पहले बुनियादी सुविधाओं की कमी थी, वहीं अब ग्राम प्रधान जगदीश पटेल उर्फ गुड्डा भइया और सचिव कमलाकर सिंह की मेहनत ने गांव की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल दी हैं। इस गांव ने आधुनिक भारत के विकास की नई दिशा तय की है।
ग्राम पंचायत रैपुरा न केवल चित्रकूट बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई है। यहां की सबसे खास बात यह है कि इस गांव से अब तक 07 आईएएस अधिकारी और 33 पीसीएस अधिकारी निकल चुके हैं। इसके अलावा शिक्षक, राजस्व कर्मी और अन्य कई सरकारी कर्मचारी भी यहां से हैं। ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय भले ही कृषि हो, लेकिन शिक्षा और विकास के क्षेत्र में यह गांव तेजी से अग्रसर है।
ग्राम पंचायत रैपुरा: आधुनिक भारत की उभरती मिसाल
ग्राम पंचायत रैपुरा में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है। गांव में प्राथमिक शिक्षा से लेकर स्नातक तक के लिए कॉलेज और महाविद्यालय की सुविधा उपलब्ध है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए कोतवाली रैपुरा कार्यरत है और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किया गया है।
किसानों की सुविधा के लिए सहकारी समिति का गठन किया गया है, जहां उन्हें समय पर खाद और बीज की सुविधा मिलती है। वहीं, स्वच्छता के लिए कूड़ा कचरा प्रबंधन आरआरसी प्रणाली स्थापित की गई है।
शिक्षा में रैपुरा की क्रांति – डिजिटल लाइब्रेरी बना मिसाल
शिक्षा के क्षेत्र में ग्राम पंचायत रैपुरा ने बेजोड़ उपलब्धियां हासिल की हैं। यहां की डिजिटल लाइब्रेरी (पुस्तकालय) बच्चों के लिए आधुनिक शिक्षा का केंद्र बन गई है। इंटरनेट और ई-लर्निंग के माध्यम से छात्र अब प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी गांव में ही कर रहे हैं।
प्रधान जगदीश पटेल और सचिव कमलाकर सिंह की दूरदर्शी सोच ने रैपुरा को डिजिटल युग की ओर अग्रसर किया है। यही वजह है कि आज ग्राम पंचायत रैपुरा के विकास कार्यों की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है।
ग्राम पंचायत रैपुरा के प्रमुख विकास कार्य
- आधुनिक सुविधाओं से लैस सचिवालय का निर्माण।
- शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु डिजिटल लाइब्रेरी (पुस्तकालय)।
- कूड़ा प्रबंधन के लिए आरआरसी प्रणाली।
- अमृत सरोवर के तहत तालाब का सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार।
- वन ग्राम में लहलहाते पौधों की हरियाली।
- समुचित पेयजल व्यवस्था की उपलब्धता।
- नाली और सड़क निर्माण कार्यों की बेहतरीन योजना।
इन सभी परियोजनाओं की वजह से आज ग्राम पंचायत रैपुरा का नाम प्रदेश के आदर्श गांवों में शुमार हो गया है।
चलो गांव की ओर अभियान ने किया विकास कार्यों का निरीक्षण
चलो गांव की ओर जागरूकता अभियान की टीम ने जब ग्राम पंचायत रैपुरा का दौरा किया तो यहां के विकास कार्यों की ज़मीनी हकीकत जानी। अभियान के संस्थापक अध्यक्ष संजय सिंह राणा ने गांव के सचिवालय, स्कूल, आरआरसी और तालाबों का निरीक्षण किया। उन्होंने ग्राम प्रधान और सचिव की सराहना करते हुए कहा कि रैपुरा की यह प्रगति पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणादायक है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि हर ग्राम पंचायत रैपुरा की तरह योजना बनाकर कार्य करे, तो ग्रामीण भारत वास्तव में ‘आधुनिक भारत’ की पहचान बन सकता है।
ग्राम पंचायत रैपुरा क्यों है खास?
ग्राम पंचायत रैपुरा की विशेषता केवल इसके विकास कार्यों में नहीं बल्कि यहां के लोगों की सोच में है। ग्रामीण शिक्षा, स्वच्छता और पर्यावरण के प्रति बेहद जागरूक हैं। हर घर में स्वच्छ पेयजल, हर गली में पक्की सड़कें और हर बच्चे के हाथ में किताब यह गांव की असली तस्वीर है।
यहां के विकास मॉडल को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि रैपुरा आज ‘आधुनिक भारत की उभरती तस्वीर’ है।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
ग्राम पंचायत रैपुरा किस जिले में स्थित है?
ग्राम पंचायत रैपुरा उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के मानिकपुर विकास खंड में स्थित है।
ग्राम पंचायत रैपुरा में कौन-कौन से प्रमुख विकास कार्य हुए हैं?
यहां आधुनिक सचिवालय, डिजिटल लाइब्रेरी, आरआरसी प्रणाली, अमृत सरोवर तालाब, वन ग्राम हरियाली, सड़क और नाली निर्माण जैसे विकास कार्य हुए हैं।
ग्राम पंचायत रैपुरा के ग्राम प्रधान कौन हैं?
यहां के ग्राम प्रधान जगदीश पटेल उर्फ गुड्डा भइया हैं, जिन्होंने सचिव कमलाकर सिंह के साथ मिलकर गांव को विकसित बनाया है।
चलो गांव की ओर अभियान क्या है?
चलो गांव की ओर एक सामाजिक जागरूकता अभियान है, जिसके संस्थापक अध्यक्ष संजय सिंह राणा हैं। यह अभियान ग्रामीण विकास की दिशा में काम करता है।









