📰 चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
मेरठ (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के सरूरपुर क्षेत्र से एक अनोखा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में चर्चा का विषय छेड़ दिया है। यहां पारिवारिक कलह और संपत्ति विवाद से तंग आकर एक व्यक्ति ने अपनी ही पत्नी का निकाह दूसरे युवक से करा दिया। इतना ही नहीं, उसने अपने तीन बच्चों को भी उस युवक के हवाले कर दिया। यह खबर अब मेरठ समाचार और उत्तर प्रदेश न्यूज के साथ-साथ सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
विवादों और मानसिक तनाव से तंग आकर लिया अनोखा फैसला
जानकारी के अनुसार, सरूरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले व्यक्ति का अपने ही रिश्तेदारों से संपत्ति विवाद लंबे समय से चल रहा था। पीड़ित व्यक्ति का कहना है कि उसके रिश्तेदार उसकी पत्नी के मायके की संपत्ति और मकान पर कब्जा करना चाहते थे। इस विवाद के चलते घर में लगातार कलह और झगड़े होते रहते थे।
पीड़ित ने आरोप लगाया कि विरोधियों ने उस पर हमला तक कराया ताकि बाद में उसकी पत्नी और बच्चों को झूठे मुकदमों में फंसाकर संपत्ति हड़पी जा सके। लंबे समय से चल रहे तनाव और झगड़ों से परेशान होकर व्यक्ति ने एक ऐसा फैसला लिया जिसने पूरे गांव को हैरान कर दिया।
पति ने समाज के सामने कराया पत्नी का निकाह
ग्रामीणों के अनुसार, उस व्यक्ति ने गांव के लोगों की मौजूदगी में ही अपनी पत्नी का निकाह एक अन्य युवक से कराया। यह फैसला पति-पत्नी दोनों की रजामंदी से लिया गया था। निकाह संपन्न होने के बाद, पूर्व पति ने अपनी पत्नी के साथ-साथ अपने तीन बच्चों की जिम्मेदारी भी उसी युवक को सौंप दी।
इस मामले ने पूरे मेरठ जिले में चर्चा का विषय बना दिया है। लोग इसे अनोखा सामाजिक निर्णय बता रहे हैं, तो कई इसे एक त्याग और समझदारी का प्रतीक मान रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग इस सरूरपुर निकाह मामला को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
पुलिस को दिया लिखित सहमति पत्र
मामले को और भी खास बनाते हुए, पूर्व पति ने पुलिस को लिखित में सहमति पत्र दिया है, जिसमें उसने स्पष्ट रूप से कहा कि:
- उसकी पत्नी और नया पति जब तक चाहें, साथ रह सकते हैं।
- उसे इस रिश्ते से कोई आपत्ति नहीं है और वह उनके सुखमय जीवन की कामना करता है।
- यदि भविष्य में कोई भी व्यक्ति उसकी पूर्व पत्नी या नए पति को परेशान करता है, तो पुलिस सख्त कार्रवाई करे।
सरूरपुर थाना प्रभारी अजय शुक्ला ने बताया कि यह मामला पूरी तरह से आपसी सहमति का है। दोनों पक्षों ने अपनी रजामंदी से यह निकाह कराया है। पुलिस ने साफ किया कि अगर किसी ने इस मामले में दखल देने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मेरठ में यह मामला बना चर्चा का विषय
यह पूरा प्रकरण न केवल मेरठ बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में सुर्खियों में है। सोशल मीडिया पर लोग इसे समझदारी और इंसानियत का उदाहरण बता रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे अजीबो-गरीब निकाह मामला कह रहे हैं। गांव के लोगों के अनुसार, पति-पत्नी के बीच काफी समय से झगड़े चल रहे थे और बच्चों पर इसका असर पड़ रहा था, इसलिए यह समझौता पूर्ण निर्णय लिया गया।
इस घटना ने मेरठ समाज में रिश्तों और जिम्मेदारी पर नई बहस छेड़ दी है। कई लोग मानते हैं कि ऐसे मामलों में पारिवारिक समाधान होना जरूरी है ताकि विवाद और बढ़े नहीं।
सरूरपुर निकाह मामले से क्या सीख मिलती है?
यह घटना इस बात का संकेत देती है कि संपत्ति विवाद और परिवारिक कलह किस तरह से एक व्यक्ति को मानसिक रूप से तोड़ सकती है। लेकिन इस व्यक्ति ने झगड़े और मुकदमों की बजाय आपसी सहमति से समाधान का रास्ता चुना। उसने न केवल समाज के सामने शांति का संदेश दिया, बल्कि अपने बच्चों के भविष्य के लिए एक स्थिर निर्णय भी लिया।
आज जब हर ओर विवाद और झगड़े से परिवार टूट रहे हैं, ऐसे में यह मामला एक सामाजिक संदेश बनकर सामने आया है कि अगर संवाद और समझदारी हो तो किसी भी विवाद का हल निकाला जा सकता है।
❓ क्लिक करके पढ़ें सवाल-जवाब
👉 यह मामला कहां का है?
यह मामला उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के सरूरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव का है।
👉 पति ने ऐसा कदम क्यों उठाया?
पति ने पारिवारिक कलह और संपत्ति विवाद से तंग आकर अपनी पत्नी का निकाह दूसरे युवक से करा दिया।
👉 क्या दोनों की रजामंदी थी?
हां, पति और पत्नी दोनों की सहमति से यह निकाह संपन्न हुआ।
👉 पुलिस का क्या कहना है?
सरूरपुर थाना प्रभारी अजय शुक्ला के अनुसार यह मामला आपसी सहमति का है और पुलिस ने दोनों पक्षों की बात दर्ज कर ली है।
👉 क्या पति ने लिखित सहमति दी?
जी हां, पति ने पुलिस को लिखित में सहमति दी है कि उसे इस रिश्ते से कोई आपत्ति नहीं है।
©समाचार दर्पण 24 | मेरठ से चुन्नीलाल प्रधान की विशेष रिपोर्ट









