
कामां कालका मंदिर में नवरात्रि महोत्सव का भव्य समापन
हिमांशु मोदी की रिपोर्ट
कामां कस्बे के कालका मंदिर में नवरात्रि महोत्सव ने इस वर्ष भी श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत अनुभव दिलाया। कामां कालका मंदिर नवरात्रि समापन कार्यक्रम में प्रातः हवन के साथ ही भव्य आरती और भंडारे का आयोजन किया गया। इस दस दिवसीय उत्सव ने न केवल धार्मिक आस्था को बल दिया, बल्कि पूरे कस्बे में सामूहिक सहयोग और नारी शक्ति का भी शानदार प्रदर्शन किया।
हवन और भव्य आरती से हुआ समापन
कामां कालका मंदिर नवरात्रि समापन के मुख्य कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः हवन से हुई। मंदिर में विभिन्न जोड़ों और श्रद्धालुओं ने हवन में भाग लिया। हवन के बाद मां कालका की विशेष पूजा-अर्चना और भव्य आरती का आयोजन किया गया। इस दौरान भक्तगण श्रद्धा और आस्था में लीन होकर मां की महिमा का अनुभव कर रहे थे।
नवरात्रि में भक्ति और आस्था का अनुपम संगम
दस दिनों तक चले नवरात्रि महोत्सव में कामां कालका मंदिर में प्रतिदिन जागरण, भक्ति कीर्तन और माता कालका की भव्य झांकियों का आयोजन हुआ। झांकियों ने स्थानीय कला और धार्मिक परंपराओं को जीवंत किया। श्रद्धालु देर रात तक भजन-कीर्तन में लीन रहे। इस दौरान कस्बा एक आस्था और भक्ति के केंद्र में बदल गया।
कन्या पूजन और विशाल भंडारे का आयोजन
नवरात्रि के अंतिम दिन, कामां कालका मंदिर नवरात्रि समापन का सबसे आकर्षक हिस्सा था कन्या पूजन और कन्या भोज। इस अवसर पर हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण कर आस्था का अनुभव किया। आयोजन में महिलाएं, बालिकाएं, युवा और वृद्ध सभी ने सक्रिय भागीदारी निभाई। भंडारे और पूजा की व्यवस्था में भी ग्रामीणों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
कस्बे में प्रतिदिन भारी भीड़ होती रही, जहां ढोल-नगाड़ों की थाप और ‘जय माता दी’ के नारे वातावरण को भक्तिमय बना रहे थे। महिलाएं विशेष रूप से माता की पूजा, दर्शन और आरती में भाग ले रही थीं। कन्या पूजन और भंडारे ने समुदाय में एकजुटता और सहयोग का संदेश दिया।
मंदिर प्रबंधन और महंत की भूमिका
इस भव्य आयोजन की अध्यक्षता मंदिर के महंत श्याम शर्मा ने की। महंत ने बताया, “लगातार वर्षों से यह आयोजन कामां कस्बा की पहचान बन चुका है। यह केवल प्रतिमा दर्शन नहीं है, बल्कि आस्था, सुख-शांति और समृद्धि की कामना का माध्यम है।”

झांकी साज-सज्जा विशेषज्ञ शंकर लाल शर्मा ने पूरे कार्यक्रम की व्यवस्था संभाली। उन्होंने न केवल झांकियों और सजावट की बारीकियों पर ध्यान दिया, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था में भी विशेष योगदान दिया। उन्होंने पूरे दस दिनों में दिन-रात निस्वार्थ सेवा करके महोत्सव को सफल बनाया।
पुलिस की सराहनीय भूमिका
इस दौरान कामां थाना पुलिस के एएसआई जयप्रकाश के नेतृत्व में कांस्टेबल अशोक और अन्य पुलिसकर्मियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने पूरे नवरात्रि महोत्सव में सुरक्षा सुनिश्चित की और श्रद्धालुओं की सुविधा एवं व्यवस्था में सहयोग किया।
नारी शक्ति और सामूहिक सहयोग का उदाहरण
कामां कालका मंदिर नवरात्रि समापन ने नारी शक्ति और सामूहिक सहयोग का अद्भुत उदाहरण पेश किया। महिलाएं, बालिकाएं और युवा पूरे उत्सव में सक्रिय रूप से शामिल रहे। भजन-कीर्तन, झांकियों, पूजा और भंडारे की व्यवस्था में हर वर्ग ने योगदान दिया।
इस तरह यह आयोजन केवल धार्मिक महोत्सव नहीं रहा, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहा।
समापन पर संदेश
कामां कालका मंदिर नवरात्रि समापन ने यह संदेश दिया कि आस्था, भक्ति और सामूहिक प्रयास से किसी भी धार्मिक आयोजन को सफल बनाया जा सकता है। यह महोत्सव केवल दस दिनों की खुशी नहीं, बल्कि पूरे वर्ष के लिए आस्था और सामूहिक सहयोग का प्रेरक उदाहरण बन गया।