
रिश्ते का कतिल और बांदा का सनसनीखेज हत्याकांड
संतोष कुमार सोनी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के नरैनी थाना क्षेत्र के हड़हा गांव में रिश्ते का कतिल नाम से चर्चित यह हत्याकांड पूरे इलाके को दहला गया। दिव्यांग किसान मंसूर खान की घर के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने जब मामले की परतें खोलीं तो जो सच्चाई सामने आई, उसने सभी को हैरान कर दिया।
दरअसल, मंसूर खान का कतिल कोई और नहीं बल्कि उनका ही बेटा मासूक खान निकला। पुलिस जांच में सामने आया कि जमीन, रुपयों के लालच और पिता की पांचवीं शादी की तैयारी से नाराज होकर बेटे ने ही अपने पिता को मौत के घाट उतार दिया। यही नहीं, इस पूरी साजिश में पिता का करीबी दोस्त इकबाल हुसैन भी शामिल था।
रिश्ते का कतिल कैसे बना बेटा?
26 सितंबर की रात करीब 1:30 बजे यह वारदात हुई थी। दिव्यांग किसान मंसूर खान घर में सो रहे थे, तभी पास से गोली मार दी गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ हुआ कि सीने में सटाकर दो फायर किए गए थे। पहली नज़र में यह हमला किसी अज्ञात हमलावर का प्रतीत हो रहा था, लेकिन पुलिस की गहन जांच ने बेटे की कहानी पर संदेह खड़ा कर दिया।
पुलिस की पूछताछ में बेटा मासूक टूट गया और उसने हत्या की बात स्वीकार की। उसने बताया कि दादा की छह बीघा जमीन उसके नाम थी, लेकिन पिता ने उसका अधिकांश हिस्सा बेचकर पैसे खुद रख लिए थे। इसके अलावा, पिता के पांचवीं शादी करने की जानकारी ने उसके अंदर गुस्सा और बढ़ा दिया।
इसी बीच पिता का दोस्त इकबाल हुसैन, जिसे भी संपत्ति का हिस्सा न मिलने की खुन्नस थी, मासूक को उकसाता रहा। नतीजतन, मासूक ने तमंचे से पिता पर दो गोलियां दाग दीं।
रिश्ते का कतिल और पुलिस की चतुराई
हत्याकांड के बाद मासूक ने पुलिस को गुमराह करने के लिए अज्ञात हमलावरों के खिलाफ तहरीर दी। उसने अपनी बहन और पत्नी को भी यही सिखाया कि बयान में अज्ञात लोगों का नाम लें। लेकिन, बांदा के एसपी पलाश बंसल को पहले ही दिन बातचीत में बेटे पर शक हो गया था।
उन्होंने जांच टीम को इसी दिशा में काम करने को कहा। आखिरकार, वैज्ञानिक साक्ष्यों और पूछताछ के दौरान बेटे की सच्चाई सामने आ गई। पुलिस ने मासूक और इकबाल दोनों को गिरफ्तार कर घटना में इस्तेमाल तमंचा और कारतूस भी बरामद कर लिए।
रिश्ते का कतिल क्यों बना मासूक?
इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि बेटे की नाराजगी सिर्फ जमीन और पैसों तक सीमित नहीं थी। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि मासूक खेती-बाड़ी में हाथ बंटाने के बजाय महंगे शौकों में डूबा रहता था। उसके नवाबी शौक के कारण खर्चे लगातार बढ़ रहे थे और इसके लिए वह पिता पर निर्भर था।
जब पिता ने न सिर्फ जमीन बेची बल्कि पांचवीं शादी की तैयारी भी शुरू की, तो मासूक ने यह सोचा कि यदि पिता को रास्ते से हटा दिया जाए तो सारी संपत्ति और दस्तावेज सीधे उसके हाथ में आ जाएंगे। इसी लालच और गुस्से ने उसे रिश्ते का कतिल बना दिया।
रिश्ते का कतिल और समाज की प्रतिक्रिया
हड़हा गांव में जैसे ही यह राजफाश हुआ कि पिता की हत्या बेटे ने ही की है, पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। लोग हैरान थे कि कैसे एक बेटा मामूली नवाबी शौक, जमीन और पैसों की लालच में इतना बड़ा कदम उठा सकता है। ग्रामीणों ने भी कहा कि यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं बल्कि बाप-बेटे के रिश्ते को शर्मसार करने वाली त्रासदी है।
रिश्ते का कतिल और कानून का शिकंजा
पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल ने प्रेस वार्ता में बताया कि हत्या में शामिल दोनों आरोपियों को पकड़ लिया गया है और आला कत्ल बरामद कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह का अपराध समाज के लिए नजीर है कि लालच इंसान को रिश्तों का कतिल बना देता है।
बांदा का यह मामला बताता है कि किस तरह जमीन, पैसों और नवाबी शौकों ने बेटे को रिश्ते का कतिल बना दिया। यह घटना समाज को सोचने पर मजबूर करती है कि जब लालच और स्वार्थ रिश्तों पर हावी हो जाए, तो खून का रिश्ता भी दुश्मनी में बदल सकता है।