
पुष्पांजलि द्वारिका सडक निर्माण की अधूरी हकीकत
ठाकुर के के सिंह की रिपोर्ट
पुष्पांजलि द्वारिका सड़क निर्माण का इंतजार करते-करते वाशिंदों की आंखें पथरा गई हैं। छह माह पहले मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण (एमबीडीए) ने 1.80 करोड़ रुपये का बजट जारी किया था। इस बजट का उद्देश्य था कि कॉलोनी की सड़क और नाले का निर्माण कार्य पूरा किया जाए। लेकिन अफसोस की बात है कि आज तक न सड़क बनी और न ही नाला।
बजट रिलीज होने के बाद भी काम क्यों ठप?
जब पुष्पांजलि द्वारिका सड़क निर्माण के लिए बजट रिलीज हुआ था, तब कॉलोनी के लोगों में उम्मीद की किरण जगी थी। उन्हें लगा कि उनकी लंबे समय से चली आ रही समस्या अब खत्म हो जाएगी। इसके बावजूद, अधिकारियों और नेताओं की लापरवाही ने उनकी उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया।
एमबीडीए ने 1.80 करोड़ का बजट पास किया। खबरें भी प्रकाशित हुईं कि सड़क निर्माण जल्द शुरू होगा। लेकिन छह माह बीतने के बावजूद कार्य का नामोनिशान तक नहीं।
वाशिंदों की दुश्वारियां
आज की स्थिति यह है कि पुष्पांजलि द्वारिका सड़क निर्माण अधूरा होने के कारण सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। हाईवे से जोड़ने वाली सड़क जर्जर है और बारिश के दिनों में हालात और बिगड़ जाते हैं। वाहन सड़क में फंस जाते हैं और राहगीरों को रोजाना मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि नेताओं और अधिकारियों से बार-बार शिकायत की गई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
लोगों की पीड़ा और बयान
अरुण सिंह चौहान (भाजपा जिला संयोजक आईटी विभाग) ने कहा – “मैंने सांसद, विधायक और हर अधिकारी से शिकायत की। लेकिन आज भी सड़क जर्जर है और वाहनों के पहिए इसमें धंस जाते हैं।”
ठा. केके सिंह (समाजसेवी) बोले – “छह माह पहले ही सड़क निर्माण का बजट रिलीज हो गया था, लेकिन सड़क बनी नहीं। आखिर बजट गया कहां?”
जसवंत सिंह (एडवोकेट) ने कहा – “प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई। मगर किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।”
अशोक चौधरी (मैनेजर, पुष्पांजलि द्वारिका) ने कहा – “हम लोग राम-राम करके सड़क से गुजरते हैं। नेताओं ने कभी सुध नहीं ली। चुनाव के वक्त नेता उमड़ पड़ते हैं, लेकिन बाद में सब भूल जाते हैं।”
पुष्पांजलि द्वारिका सड़क निर्माण और नेताओं की चुप्पी
सवाल यह उठता है कि जब बजट रिलीज हो चुका है, तो सड़क निर्माण क्यों नहीं हुआ? नेताओं और अधिकारियों की चुप्पी से स्थानीय लोगों में गुस्सा है। चुनावी मौसम में वादे किए जाते हैं, लेकिन जमीन पर काम नहीं होता। यही कारण है कि आम जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है।
प्रशासन पर उठ रहे सवाल
पुष्पांजलि द्वारिका सड़क निर्माण को लेकर अब लोग प्रशासन से सीधे सवाल कर रहे हैं,
अगर बजट स्वीकृत हुआ तो खर्च कहां हुआ?
छह माह में एक ईंट तक क्यों नहीं रखी गई?
क्या जनता को सिर्फ वादों के भरोसे छोड़ दिया जाएगा?
जर्जर सड़क से बढ़ रहा खतरा
सिर्फ असुविधा ही नहीं, बल्कि पुष्पांजलि द्वारिका सड़क निर्माण अधूरा रहने से खतरा भी बढ़ गया है। टूटी-फूटी सड़कें हादसों को न्योता दे रही हैं। बारिश में पानी भरने से गड्ढों का पता नहीं चलता और आए दिन वाहन चालक गिरकर चोटिल हो रहे हैं। बच्चे और बुजुर्ग तो इस रास्ते से गुजरने से डरते हैं।
जनता की उम्मीदें अब भी जिंदा
हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि वे अब भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सड़क और नाले का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। उनका मानना है कि अगर मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म पर लगातार आवाज उठाई जाए तो शायद प्रशासन हरकत में आए।
पुष्पांजलि द्वारिका सड़क निर्माण में पारदर्शिता की मांग
लोग यह भी मांग कर रहे हैं कि बजट कहां खर्च हुआ, इसका सार्वजनिक ब्यौरा जारी किया जाए। पारदर्शिता तभी आएगी जब जिम्मेदार अधिकारी इसका स्पष्ट जवाब देंगे। अन्यथा, जनता का आक्रोश और बढ़ेगा।
पुष्पांजलि द्वारिका सड़क निर्माण की कहानी सिर्फ एक कॉलोनी की समस्या नहीं है, बल्कि यह उस सिस्टम की तस्वीर है जहां वादे तो किए जाते हैं लेकिन उन्हें पूरा करने में सालों लग जाते हैं। छह माह पहले 1.80 करोड़ का बजट जारी हुआ, लेकिन आज भी सड़क अधूरी है। सवाल यह है कि आखिर जनता कब तक नेताओं और अधिकारियों के भरोसे यूं ही परेशान होती रहेगी?