संवाददाता: अजय सिंह
आजमगढ़। शैक्षणिक विकास की दिशा में एक और मील का पत्थर रखते हुए डीएवी पीजी कॉलेज आजमगढ़ ने शुक्रवार को एक आधुनिक सेमिनार हॉल का उद्घाटन कर एक नया अध्याय शुरू किया। यह आयोजन न केवल तकनीकी रूप से समृद्ध था, बल्कि अपने विचार और दृष्टिकोण में भी गहराई से भरा हुआ रहा।
आधुनिकता और परंपरा का अद्वितीय संगम
कार्यक्रम का शुभारंभ महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजीव कुमार के करकमलों द्वारा सेमिनार हॉल के शिलापट अनावरण से हुआ। यह हॉल स्मार्ट ऑडियो-विजुअल तकनीक, उच्च गुणवत्ता वाली ध्वनि प्रणाली, वातानुकूलन, डिजिटल संवाद उपकरण और प्रोजेक्टर जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है, जो छात्रों और शोधार्थियों के लिए विचार-विमर्श, संवाद और शैक्षणिक आयोजन के नए द्वार खोलता है।
प्रबंधन समिति की सराहनीय भूमिका
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र अग्रवाल ने की। मंच पर महाविद्यालय के प्रबंधक आनंद प्रकाश श्रीवास्तव, दी आर्य विद्या सभा के मंत्री विनोद कुमार श्रीवास्तव, अग्रसेन महिला महाविद्यालय के प्रबंधक सुधीर अग्रवाल, और महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. प्रेमचंद्र यादव भी उपस्थित रहे।
प्राचार्य प्रो. यादव ने कुलपति का स्वागत करते हुए उन्हें “दिशा निर्माता” और “ज्ञान का मूर्त रूप” कहा। उन्होंने इस अवसर को स्वर्णिम पल बताते हुए महाविद्यालय प्रबंधक की सादगी, दृष्टि और प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
कुलपति का दृष्टिकोण: संवाद और नवाचार
कुलपति प्रो. संजीव कुमार ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में स्पष्ट किया कि शिक्षा अब मात्र डिग्री प्राप्त करने का साधन नहीं, बल्कि एक उत्तरदायी और विचारशील नागरिक तैयार करने की प्रक्रिया है। उन्होंने कहा—
“किसी संस्था की गुणवत्ता उसकी इमारतों से नहीं, बल्कि उसके विचारों की ऊँचाई से मापी जाती है।”
उन्होंने इस सेमिनार हॉल को महज एक भवन नहीं, बल्कि ज्ञान, संवाद और नव चिंतन का केंद्र बताया। कुलपति ने आगे कहा कि इस मंच पर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों का नियमित आयोजन किया जाना चाहिए, ताकि विद्यार्थियों को वैश्विक दृष्टिकोण और बहुआयामी सोच विकसित करने का अवसर मिले।
इसके साथ ही उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि किसी भी शैक्षणिक आयोजन को दो भागों में बाँटकर—प्रथम विश्वविद्यालय द्वारा और द्वितीय महाविद्यालय द्वारा—आसानी से और कुशलता से संचालित किया जा सकता है। उन्होंने बी.एड., एल.एल.बी. जैसे व्यावसायिक कोर्स प्रारंभ करने का भी समर्थन किया।
सहयोगियों की शुभकामनाएं
इस अवसर पर अग्रसेन महिला महाविद्यालय के प्रबंधक सुधीर अग्रवाल ने प्राचार्य, प्रबंधक एवं उनकी टीम को बधाई देते हुए छात्रों से अपेक्षा की कि वे इस मंच का ज्ञान एवं नवाचार हेतु पूर्ण उपयोग करें।
दी आर्य विद्या सभा के मंत्री विनोद कुमार श्रीवास्तव ने विश्वास जताया कि यह सेमिनार हॉल आगामी वर्षों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठियों और विमर्शों का साक्षी बनेगा।
एक दिशा, जो भविष्य के लिए प्रेरणा बनेगी
महाविद्यालय के प्रबंधक आनंद प्रकाश श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा का क्षेत्र अब पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रहा, बल्कि संवाद, चिंतन और नवाचार की प्रक्रियाएं ही इसकी आत्मा बन चुकी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सेमिनार हॉल विद्यार्थियों को विचारों के आदान-प्रदान, प्रस्तुतीकरण और रचनात्मक अभिव्यक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ वातावरण उपलब्ध कराएगा।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रबंध समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र अग्रवाल ने इसे एक ईंट-पत्थर की संरचना न मानते हुए चिंतन और राष्ट्र निर्माण का केंद्र बताया। उन्होंने सभी अतिथियों का हृदय से आभार प्रकट किया कि वे अपने व्यस्ततम समय में भी कॉलेज के इस ऐतिहासिक अवसर में सम्मिलित हुए।
संचालन एवं समापन
कार्यक्रम का सुंदर संचालन प्रोफेसर शिल्पा त्रिपाठी ने किया। सेमिनार हॉल का उद्घाटन न केवल महाविद्यालय की शैक्षणिक प्रगति का प्रतीक है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को संवाद, नवाचार और ज्ञान की ओर प्रेरित करने वाला मंच भी सिद्ध होगा।