
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ एक बार फिर बड़े साइबर फ्रॉड का गवाह बना है। इंदिरानगर इलाके में रहने वाले युवक प्रिंस अभिनव को शादी का भरोसा जताकर करीब 27 लाख रुपए ठग लिए गए। शुरुआत प्रेम, भरोसे और खूबसूरत चैट्स से हुई, लेकिन अंत साइबर अपराध की काली सच्चाई पर जाकर रुका। जिस युवती पर प्रिंस ने खुद का जीवन साथी समझकर भरोसा किया, उसी ने जाल बिछाकर उसे कंगाल कर दिया।
शादी के सपने से शुरू हुई ठगी की कहानी
पीड़ित प्रिंस अभिनव ने शादी की चाह में शादी संगम नाम के प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन किया था। यहीं उनकी मुलाकात भावना शर्मा नाम की महिला से हुई। बातचीत धीरे-धीरे आगे बढ़ी, और महिला ने खुद को मुंबई के अंधेरी में रहने वाली बताया। इतना ही नहीं, पिता को दुबई में रियल एस्टेट कारोबारी बताकर हाई-प्रोफाइल फैमिली का माहौल बनाया। एक महीने के अंदर दोनों की बातचीत व्हाट्सऐप पर शिफ्ट हुई, जहां महिला ने सैकड़ों फोटो, बायोडाटा और वीडियो कॉल के बहाने भरोसा जीत लिया।
यही वह बिंदु था जब भावनात्मक जुड़ाव को पैसे में बदलने की साजिश शुरू हो चुकी थी। महिला ने शादी, साथ में घर बसाने और “हमेशा साथ रहने” वाले वादों के साथ भविष्य का सपना दिखाना शुरू कर दिया। भरोसा अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका था — और यहीं से असली खेल शुरू हुआ।
ट्रेडिंग कंपनी में मोटा मुनाफा दिलाने का चारा
महिला ने प्रिंस को भरोसा दिलाया कि वह NFM Capital Markets नाम की एक ट्रेडिंग कंपनी में निवेश कर बड़ी रकम कमा सकते हैं। जब प्रिंस ने कहा कि उनके पास पैसे नहीं हैं, तो युवती ने फेडरल बैंक का 3.50 लाख रुपए का फर्जी डिपॉजिट स्लिप भेजी और कहा कि पैसा सुरक्षित है, निवेश कर दो — जल्दी रिटर्न मिलेगा।
यही विश्वास प्रिंस के लिए सबसे घातक साबित हुआ।
- पहली किस्त — ₹3,00,000+
- बाद में कई ट्रांजैक्शन — ₹15,98,506
पहले निवेश के बाद कंपनी की वेबसाइट पर रकम दिखने लगी, जिससे प्रिंस को यकीन हो गया कि उनका पैसा बढ़ रहा है। लेकिन जैसे ही उन्होंने रिफंड लेने की कोशिश की, धोखाधड़ी की अगली चाल चली गई।
कंपनी ने टैक्स के नाम पर फिर फंसाया
कस्टमर सपोर्ट ने प्रिंस से कहा कि निकासी से पहले 13,47,849 रुपए टैक्स जमा करना होगा। घबराए प्रिंस ने महिला से बात की, तो उसने दोबारा 5 लाख का फर्जी डिपॉजिट स्लिप भेजकर कहा कि टैक्स दे दो, तुरंत पैसे वापस मिल जाएंगे। भरोसे में फंसकर प्रिंस ने 8,47,849 रुपए फिर से भेज दिए।
अब पूरा निवेश 27 लाख रुपए के करीब पहुंच चुका था। लेकिन रिटर्न तो दूर — एक क्लिक में सब खत्म हो गया।
फ्रॉड का सच सामने आते ही — अकाउंट ब्लॉक, और आख़िरी में ताना
जब रकम वापस नहीं मिली तो प्रिंस ने गूगल पर NFM Capital Markets की जानकारी खोजी, जहां हैदराबाद पुलिस द्वारा जारी चेतावनी मिली कि यह कंपनी पहले भी कई लोगों के साथ धोखाधड़ी कर चुकी है। उन्होंने यह स्क्रीनशॉट कंपनी को भेजा — और तुरंत उनका अकाउंट ब्लॉक कर दिया गया।
जब यह बात प्रिंस ने महिला को बताई, तो उसने बात करना ही बंद कर दिया। आखिरी मैसेज में सिर्फ इतना लिखा:
“तू गरीब आदमी था, इसलिए 3,50,421 रुपए नहीं लिए — छोड़ दिया।”
यही संदेश साबित कर गया कि पूरा प्यार, भरोसा और रिश्ता — सब सिर्फ एक साइबर ठगी का स्क्रिप्ट था।
एफआईआर दर्ज — पुलिस अब अंतरराज्यीय फ्रॉड नेटवर्क खंगाल रही
पीड़ित प्रिंस अभिनव ने तुरंत साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस अब आरोपी महिला की असली पहचान, इस्तेमाल किए गए फर्जी खातों, बैंक ट्रांसफर और फ्रॉड नेटवर्क की जांच कर रही है। पुलिस का मानना है कि महिला के पीछे पूरी प्रोफेशनल साइबर गैंग सक्रिय हो सकती है जो शादी और ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को फंसाती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि साइबर अपराधी अब भावनात्मक कमजोरी, अकेलापन और शादी की चाह का फायदा उठाकर बड़े पैमाने पर ठगी कर रहे हैं। सोशल मीडिया, डेटिंग एप और शादी वेबसाइटें इस जाल का बड़ा मैदान बन चुकी हैं।
सावधान रहें — ऐसे फ्रॉड से खुद को कैसे बचाएं
- अजनबी से मिली आर्थिक सलाह पर कभी निवेश न करें
- किसी भी कंपनी में पैसा लगाने से पहले नाम गूगल कर अवश्य जांचें
- डिपॉजिट स्लिप, बैंक स्टेटमेंट और आईडी आसानी से फर्जी बनाए जा सकते हैं
- शादी, प्यार या भावनाओं के नाम पर मांगे गए पैसे — हमेशा धोखा
- फ्रॉड की आशंका होते ही साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें
क्लिक कर के सवाल-जवाब पढ़ें
❓ क्या NFM Capital Markets असली कंपनी है?
पुलिस के अनुसार यह फर्जी प्लेटफॉर्म है जो पहले भी कई राज्यों में साइबर ठगी कर चुका है।
❓ क्या शादी प्लेटफॉर्म पर प्रोफाइल्स वेरिफाइड होती हैं?
अधिकतर वेबसाइटें वेरिफिकेशन का दावा करती हैं, लेकिन फर्जी पहचान से अकाउंट बनाना बेहद आसान होता है।
❓ अगर किसी से इस तरह ठगी हो जाए तो क्या करें?
तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर या हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करें। जितनी जल्दी शिकायत दर्ज होगी, रकम ट्रैक होने की संभावना उतनी बढ़ जाएगी।






