
मध्य प्रदेश के चित्रकूट जिले के नयागांव नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड 15, थर पहाड़ इलाके की सड़क बीते 20 वर्षों से अधूरी पड़ी है। स्थानीय लोग आज भी आवागमन के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन शनिवार शाम जिस दर्दनाक घटना ने प्रशासन से लेकर सरकार तक को झकझोर दिया, उसने विकास के दावों की पोल पूरी तरह खोलकर रख दी। सड़क के अभाव में एक प्रसव पीड़ा से कराहती गर्भवती महिला को एंबुलेंस तक पहुँचाने के लिए परिजनों को कपड़े और लकड़ी से डोली बनानी पड़ी। ऊबड़-खाबड़ रास्तों और पत्थरों से भरे ट्रैक पर डोली से होते हुए गर्भवती को गांव के बाहर तक लाया गया और फिर एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुँचाया गया।
🚧 20 साल से सड़क की मांग, 2021 में शुरू हुआ काम पर फिर रुक गया
वार्ड 15 के निवासी गुलाब कुमार, संतोष और राजरानी बताते हैं कि वे दो दशकों से सड़क की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों की लगातार गुहार के चलते 2021 में सड़क निर्माण कार्य की शुरुआत हुई थी, लेकिन कुछ दूरी तक काम होने के बाद निर्माण अचानक रोक दिया गया। तब से सड़क अधूरी और जर्जर बनी हुई है। बारिश के मौसम में हालात और भी बदतर हो जाते हैं—पहुँच मार्ग कीचड़, गड्ढों और पत्थरों से भर जाता है, जिससे न तो वाहन आ-जा पाते हैं और न ही मरीजों या बुजुर्गों को समय पर सहायता मिल पाती है।
⏳ दर्द से तड़पती गर्भवती, एंबुलेंस लाचार – आखिर डोली का सहारा
शनिवार शाम यज्ञ प्रसाद सिंह की गर्भवती पत्नी जानकी की हालत अचानक बिगड़ गई। तीव्र प्रसव पीड़ा के कारण परिजनों ने तुरंत एंबुलेंस को सूचना दी, लेकिन सड़क की स्थिति इतनी बदहाल थी कि एंबुलेंस गाँव तक पहुँच ही नहीं सकी। मजबूर होकर परिजनों ने कपड़े और लकड़ी की मदद से डोली बनाई। दर्द से कराह रही जानकी को डोली पर लिटाकर खतरनाक और पथरीले रास्ते से करीब एक किलोमीटर पैदल ले जाया गया। गांव की सीमा के बाहर एंबुलेंस मौजूद थी, जहाँ पहुंचाने के बाद महिला को अस्पताल ले जाया गया।
🏥 प्राथमिक सुविधाओं की कमी, प्रशासनिक उदासीनता की पोल
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना पहली नहीं है। सड़क की अनुपलब्धता के कारण कई बीमार मरीज, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बच्चों को समय पर उपचार नहीं मिल पाता। स्कूल जाने वाले बच्चों और किसानों को भी रोजाना परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों का दुख इस बात से और गहरा है कि शासन और प्रशासन को बार-बार शिकायतें करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
📌 ईओ का आश्वासन — “सड़क निर्माण जल्दी शुरू होगा”
नगर परिषद के ईओ अनिकेत शांडिल्य ने घटना की जानकारी की पुष्टि करते हुए कहा कि वार्ड 15 में सड़क न होने के कारण गर्भवती महिला को डोली से एंबुलेंस तक ले जाने का मामला गंभीर है, जिसे संज्ञान में लिया गया है। उन्होंने बताया कि थर पहाड़ की अधूरी सड़क का प्रस्ताव व बजट तैयार करने के निर्देश दिए जा चुके हैं और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।
⚠ सच्चाई यह है — विकास के दावे कागज पर, ज़मीनी हकीकत अलग
जहाँ सरकार वर्षों से ग्रामीण विकास और सड़क कनेक्टिविटी के दावे करती आ रही है, वहीं थर पहाड़ जैसा क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। डोली पर गर्भवती को ले जाना केवल एक घटना नहीं, बल्कि व्यवस्था की विफलता का प्रतीक बनकर सामने आया है। यदि सड़क निर्माण लंबे समय तक अधर में लटका न रहता तो नयागांव और थर पहाड़ की यह घटना शायद कभी सामने ही न आती। ग्रामीणों की आशा अब आगामी सड़क निर्माण की घोषणा पर टिकी है—पर सवाल यह भी है कि क्या इस बार काम समय पर पूरा होगा?
❓ क्लिकेबल सवाल–जवाब (FAQ)
📌 थर पहाड़ की सड़क आखिर अधूरी क्यों है?
2021 में सड़क निर्माण शुरू हुआ था लेकिन बिना कारण बताए कार्य आधे में रोक दिया गया। बजट और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की देरी के कारण सड़क अब भी अधूरी है।
📌 क्या प्रशासन ने इस घटना के बाद कोई कदम उठाया है?
हाँ, नगर परिषद के ईओ ने सड़क निर्माण के प्रस्ताव और बजट की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं और कार्य जल्द शुरू होने का आश्वासन दिया है।
📌 क्या ग्रामीणों को भविष्य में एंबुलेंस सुविधा आसानी से मिल पाएगी?
सड़क निर्माण पूरा होने के बाद एंबुलेंस और अन्य वाहनों की पहुँच आसान हो जाएगी, जिससे मरीजों और गर्भवती महिलाओं को तत्काल चिकित्सा सहायता मिल सकेगी।






