आजम खान बोले – बदले में नहीं, इंसाफ में रखता हूं यकीन; बोले- दीपक की लौ अभी बाकी है

अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट,

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रामपुर। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान ने जेल से रिहाई के बाद पहली बार खुलकर अपनी राजनीति, विचारधारा, और आने वाले समय की योजनाओं पर बात की। उन्होंने कहा कि वह बदले की राजनीति में विश्वास नहीं रखते, बल्कि न्याय में भरोसा करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मैच दोबारा शुरू हुआ, तो वे फिर बल्लेबाजी करेंगे।

राजनीति का जुनून बरकरार, बस सेहत थोड़ी कमजोर

आजम खान ने कहा कि जेल से रिहा होने के बाद भले ही वे शांत दिख रहे हों, लेकिन उनके भीतर वही पुराना राजनीतिक जोश आज भी जिंदा है। उन्होंने कहा— “मैं बदले में नहीं, इंसाफ में यकीन रखता हूं। बस सेहत थोड़ी कमजोर है, वरना जब मैच दोबारा शुरू होगा, तो मैं फिर बल्लेबाजी करूंगा।”

“जांच एजेंसियों पर भरोसा है, लेकिन वह भरोसा और मजबूत होना चाहिए”

एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में आजम खान ने कहा कि उन्हें जांच एजेंसियों पर भरोसा है, पर वह भरोसा और मजबूत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव किसी निष्पक्ष और अंतरराष्ट्रीय एजेंसी से कराए जाएं, तो पता चल जाएगा कि कौन अपनी जमानत बचा पाता है।

इंडिया गठबंधन बनाम एनडीए पर बोले आजम

आजम खान ने कहा कि जब वे डेढ़ साल वाराणसी जेल में थे, तब लगा कि लोकतंत्र अब शायद लौटेगा नहीं। उन्होंने कहा— “हर जगह डर का माहौल था। जो लोग पहले तीन-चार घंटे देर से दफ्तर पहुंचते थे, वे अब समय पर आने लगे। यह अनुशासन नहीं, डर था।”

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“मुसलमान सिर्फ वोट बैंक नहीं”

मुसलमानों को वोट बैंक कहे जाने पर आजम खान बोले— “यह कहना कि मुसलमान सिर्फ इस्तेमाल के लिए हैं, अपमानजनक है। हमने हमेशा समझदारी से वोट दिया है और यूपी में वही सरकारें बनाई हैं जो जनता के काम आईं।” उन्होंने कहा कि जो खुद को इस्तेमाल होने देते हैं, यह उनकी अपनी मर्जी है।

ओवैसी और ‘टोपी जेब में रखने वाले मुसलमानों’ पर टिप्पणी

ओवैसी को गठबंधन में शामिल न किए जाने के सवाल पर आजम खान ने कहा— “जिन्हें शामिल नहीं किया गया, वे बताएं क्यों नहीं किया गया, और जो शामिल होना चाहते थे, वे बताएं क्यों चाहते थे।” उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा— “सिर्फ टोपी पहन लेने से कोई मुसलमान नहीं हो जाता। मैंने ऐसे नेता देखे हैं जो सम्मेलन में टोपी पहनते हैं और खत्म होते ही उसे जेब में रख लेते हैं।”

अखिलेश यादव से रिश्ते और मीडिया पर निशाना

अखिलेश यादव के साथ रिश्तों को लेकर आजम खान ने कहा— “हमारा रिश्ता 45 साल पुराना है। वे कई बार जेल आए। रिश्ता मुलाकातों से नहीं टूटता। मीडिया ने हमें तोड़ने की कोशिश की, और सबसे ज़्यादा नुकसान मीडिया ने ही किया।”

“अन्याय शायद मेरी किस्मत में था”

आजम खान ने कहा कि अब झूठे मुकदमे कानून को हथियार बनाकर दर्ज किए जाते हैं। उन्होंने कहा— “अन्याय शायद मेरी किस्मत में था, लेकिन क्या कोई गारंटी दे सकता है कि अब नहीं होगा।”

आर्थिक तंगी की बात — “अब खर्च चलाने को घर बेचना पड़ेगा”

आजम खान ने बताया कि आयकर विभाग ने उनके घर पर छापा मारा, लेकिन उनके पास सिर्फ 3,500 रुपए, बेटे अब्दुल्ला के पास 10,000 रुपए और पत्नी के पास 100 ग्राम सोना मिला। उन्होंने कहा— “अब खर्च चलाने के लिए घर बेचना पड़ेगा, लेकिन खरीदार नहीं मिल रहा।”

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“हम बदला नहीं, न्याय देंगे”

2027 की संभावनाओं पर बोलते हुए आजम खान ने कहा— “जब समय आएगा देखा जाएगा, लेकिन हम बदला नहीं लेते। अगर हम वही करें जो उन्होंने किया, तो फर्क क्या रह जाएगा। संभल और बरेली के पीड़ितों को बदला नहीं, न्याय जरूर देंगे।”

मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी की शादी पर तंज

रामपुर सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी की शादी से जुड़े सवाल पर आजम खान ने व्यंग्य करते हुए कहा— “कोई एक को संभाल नहीं पाता, और किसी के पास कई इंतजार में हैं। यह भी किस्मत है। हर किसी की अपनी तकदीर और तरीका है, हम कौन होते हैं जज करने वाले।”

“आप ये देखने आए हैं कि दीपक में कितनी लौ बची है”

राजनीति से संन्यास के सवाल पर आजम खान ने मुस्कराते हुए कहा— “अगर मैंने संन्यास ले लिया होता, तो आप मुझसे मिलने क्यों आते? आप तो ये देखने आए हैं कि इस दीपक में अब कितनी लौ बची है। सच्चाई यह है कि उसे जलाए रखना अब मेरे बस में नहीं।” उन्होंने कहा— “मैं खुद एक किताब हूं, बल्कि कई किताबें मेरे साथ चलती हैं।”

“मेरी गलती बस इतनी कि मैं अपने मकसद के प्रति वफादार रहा”

आजम खान ने कहा— “मुझे आज तक समझ नहीं आया कि मेरी गलती क्या थी। मेरे ऊपर 114 केस दर्ज हैं, पर किसी में भी भ्रष्टाचार या कमीशन का आरोप नहीं है। शायद मेरी गलती बस इतनी है कि मैं अपने मकसद के प्रति वफादार रहा।”

“मेरे दुश्मन मासूम हैं”

उन्होंने कहा— “जब सुरक्षा मिली थी, तब जरूरत नहीं थी, अब जब जरूरत है, तब सुरक्षा नहीं है। मेरे पिता 1970 में अन्याय के खिलाफ जेल गए थे, आज उनका बेटा बिना सुरक्षा के है। मेरे दुश्मन मासूम हैं, क्योंकि दुश्मनी का कोई मतलब नहीं। कारण तक याद नहीं, क्योंकि मैंने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया।”

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“मैंने दो कुंभ मेले सफलतापूर्वक आयोजित किए”

आजम खान ने याद किया कि रामपुर के नवाब ज़ुल्फिकार अली ने उन पर गोलियां चलवाई थीं। एक बार जर्मन पिस्तौल उनके पैर पर गिरी, लेकिन वे बचे रहे। उन्होंने कहा— “जो अल्लाह ने लिखा था, वही हुआ। मैं आज भी जिंदा हूं, लेकिन जो मुझे मारना चाहते थे, वे अब नहीं हैं।”


क्लिक करें और जवाब पढ़ें 👇

1️⃣ आजम खान ने जेल से रिहाई के बाद क्या कहा?

उन्होंने कहा कि वे बदले में यकीन नहीं रखते, बल्कि इंसाफ में भरोसा रखते हैं। वे राजनीति में अब भी सक्रिय रहेंगे।

2️⃣ क्या आजम खान ने इंडिया गठबंधन को लेकर कुछ कहा?

हाँ, उन्होंने कहा कि गठबंधन में सबको समान स्थान मिलना चाहिए, खासकर अखिलेश यादव और मुसलमानों को।

3️⃣ क्या आजम राजनीति से संन्यास लेंगे?

उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे संन्यास नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा— “आप तो यह देखने आए हैं कि दीपक में कितनी लौ बची है।”

4️⃣ आजम खान की आर्थिक स्थिति कैसी है?

उन्होंने बताया कि घर पर आयकर विभाग का छापा पड़ा और अब खर्च चलाने के लिए घर बेचना पड़ सकता है।

5️⃣ क्या आजम खान 2027 के चुनाव लड़ेंगे?

उन्होंने कहा कि समय आने पर फैसला होगा, लेकिन वे राजनीति से अलग नहीं होंगे।

(रिपोर्ट: अंजनी कुमार त्रिपाठी, संपादन समाचार दर्पण©) —

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