
हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ राज्य के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर भोजली महोत्सव समिति बिलासपुर ने अद्भुत श्रद्धा और गर्व के साथ छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एकता, संस्कृति और मातृभूमि के प्रति समर्पण का संदेश दिया।
1 नवम्बर 2025 की सुबह 7:30 बजे कलेक्टर ऑफिस बिलासपुर के समीप स्थित छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों ने राज्य गीत गाकर छत्तीसगढ़ दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाया।
भोजली महोत्सव समिति बिलासपुर का भावनात्मक आयोजन
इस ऐतिहासिक दिन पर भोजली महोत्सव समिति बिलासपुर के अध्यक्ष शंकर यादव के नेतृत्व में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
संयोजक गंगेश्वर सिंह उइके ने बताया कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, मातृभूमि और लोक परंपरा को संजोए रखने के लिए समिति लगातार सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करती रही है।
सचिव नंदकिशोर यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस हमारे लिए गौरव का पर्व है, क्योंकि यह हमारी पहचान, परंपरा और विकास यात्रा का प्रतीक है।
इस अवसर पर समिति के कोषाध्यक्ष सुनील भोई, सलाहकार प्रवीण तरुण और संजय सिंह ठाकुर, मीडिया प्रभारी बृजभूषण सरवन और वीरेंद्र पटेल, सहसचिव गोपाल यादव और दिलीप श्रीवास उपस्थित रहे।
सभी ने छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारे लगाए और प्रदेश की उन्नति की कामना की।
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर भावनात्मक माहौल
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस यानी 1 नवम्बर प्रदेशवासियों के लिए केवल एक दिन नहीं, बल्कि यह हमारी स्वाभिमान, अस्मिता और अस्तित्व की पहचान का प्रतीक है।
भोजली महोत्सव समिति बिलासपुर द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम इस बात का प्रमाण है कि आज भी लोग अपनी संस्कृति और मातृभूमि के प्रति गहरा सम्मान रखते हैं।
मंच से राजकीय गीत – “अरपा पैरी के धार…” गूंजते ही पूरा माहौल छत्तीसगढ़ी रंग में रंग गया।
छत्तीसगढ़ महतारी के प्रति आस्था और सम्मान
छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए समिति के सदस्यों ने राज्य के विकास, एकता और खुशहाली की कामना की।
भोजली महोत्सव समिति बिलासपुर ने इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश दिया कि समाज तभी प्रगति कर सकता है जब वह अपनी जड़ों से जुड़ा रहे।
छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति, भोजली महोत्सव की परंपरा और मातृभूमि के प्रति सम्मान का यह अनूठा संगम था।
भोजली महोत्सव समिति की सामाजिक भूमिका
भोजली महोत्सव समिति बिलासपुर केवल धार्मिक आयोजनों तक सीमित नहीं, बल्कि समाजसेवा, शिक्षा, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण में भी सक्रिय भूमिका निभा रही है।
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस जैसे अवसरों पर समिति द्वारा जनजागरण और सांस्कृतिक चेतना को आगे बढ़ाने का कार्य किया जाता है।
समिति का उद्देश्य आने वाली पीढ़ी को छत्तीसगढ़ महतारी की महान परंपरा और गौरवशाली इतिहास से अवगत कराना है।
समिति अध्यक्ष ने दिया संदेश
समिति के अध्यक्ष शंकर यादव ने कहा कि “छत्तीसगढ़ राज्य के 25 वर्षों की यात्रा जनसंघर्ष, विकास और आत्मसम्मान की कहानी है।
हम सभी छत्तीसगढ़वासी को गर्व है कि हम इस पावन भूमि के नागरिक हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “भोजली महोत्सव समिति बिलासपुर आगे भी ऐसे सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजनों के माध्यम से छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में समर्पित रहेगी।”
राज्य स्थापना दिवस का महत्व
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस हर वर्ष 1 नवम्बर को मनाया जाता है।
साल 2000 में मध्यप्रदेश से अलग होकर जब यह राज्य अस्तित्व में आया, तब से यह दिन छत्तीसगढ़वासियों के लिए गौरव और एकता का प्रतीक बन गया।
इस दिन प्रदेशभर में सांस्कृतिक, सामाजिक और सरकारी कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
बिलासपुर में भोजली महोत्सव समिति का यह आयोजन उन आयोजनों में से एक प्रमुख आकर्षण रहा।
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छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस कब मनाया जाता है?
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस हर वर्ष 1 नवम्बर को मनाया जाता है। इसी दिन वर्ष 2000 में यह राज्य अस्तित्व में आया था।
भोजली महोत्सव समिति बिलासपुर का उद्देश्य क्या है?
समिति का उद्देश्य छत्तीसगढ़ की संस्कृति, लोक परंपरा और मातृभूमि के प्रति सम्मान को बढ़ावा देना है।
छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा कहां स्थित है?
छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा कलेक्टर ऑफिस बिलासपुर के पास स्थित है, जहां यह आयोजन संपन्न हुआ।
भोजली महोत्सव समिति के प्रमुख पदाधिकारी कौन हैं?
समिति के अध्यक्ष शंकर यादव, संयोजक गंगेश्वर सिंह उइके, सचिव नंदकिशोर यादव, कोषाध्यक्ष सुनील भोई और सलाहकार प्रवीण तरुण हैं।
राज्य स्थापना दिवस पर क्या संदेश दिया गया?
समिति ने एकता, विकास और मातृभूमि के प्रति समर्पण का संदेश देते हुए छत्तीसगढ़ महतारी की जयकार लगाई।
© समाचार दर्पण 24 | भोजली महोत्सव समिति बिलासपुर द्वारा छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस 2025 विशेष रिपोर्ट









