
भरतपुर पुलिस खिलाड़ियों ने 74वें ऑल इंडिया पुलिस गेम्स 2025 में चमक बिखेरी।
हिमांशु मोदी की रिपोर्ट
भरतपुर। खेल के क्षेत्र में हरियाणा की धरती पर आयोजित 74वें ऑल इंडिया पुलिस गेम्स 2025 ने इस बार राजस्थान के भरतपुर पुलिस के खिलाड़ियों की प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर चमकाया। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भरतपुर पुलिस की दो महिला खिलाड़ियों ने न केवल शानदार प्रदर्शन किया, बल्कि अपने अद्भुत जज्बे और मेहनत से पूरे प्रदेश का मान भी बढ़ाया।
भरतपुर पुलिस खिलाड़ियों का बेहतरीन प्रदर्शन
भरतपुर पुलिस से सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) मनीषा चाहर और हेड कांस्टेबल संजू उपाध्याय ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।
एएसआई मनीषा चाहर ने आर्म रेसलिंग प्रतियोगिता के 50 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक (Gold Medal) हासिल किया।
वहीं हेड कांस्टेबल संजू उपाध्याय ने पुलिस बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में रजत पदक (Silver Medal) जीतकर भरतपुर का नाम रौशन किया।
इन उपलब्धियों के लिए महानिरीक्षक पुलिस (IGP) कैलाश चन्द्र बिश्नोई ने दोनों खिलाड़ियों को सम्मानित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
74वें ऑल इंडिया पुलिस गेम्स का महत्व
हर साल आयोजित होने वाला ऑल इंडिया पुलिस गेम्स देशभर के पुलिस बलों के लिए अपनी प्रतिभा और शारीरिक क्षमता दिखाने का बड़ा मंच है। इस बार 20 से 24 सितंबर तक यह आयोजन हरियाणा के करनाल में हुआ। प्रतियोगिता में देशभर से हजारों पुलिसकर्मियों ने हिस्सा लिया।
भरतपुर पुलिस खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया कि वे केवल कानून-व्यवस्था संभालने में ही नहीं, बल्कि खेलों के मैदान में भी उत्कृष्टता हासिल करने में सक्षम हैं।
मनीषा चाहर का स्वर्णिम प्रदर्शन
एएसआई मनीषा चाहर का यह प्रदर्शन खेलों के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होगा। आर्म रेसलिंग जैसे कठिन खेल में गोल्ड मेडल जीतना आसान नहीं होता। इसके लिए कठोर प्रशिक्षण, शारीरिक शक्ति और मानसिक दृढ़ता की आवश्यकता होती है। मनीषा चाहर ने यह सब अपने दम पर हासिल किया।
उनकी जीत से महिला खिलाड़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी कि अगर जज्बा और मेहनत हो तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।
संजू उपाध्याय की दमदार सफलता
वहीं हेड कांस्टेबल संजू उपाध्याय ने बॉडी बिल्डिंग में अपनी फिटनेस और ताकत का प्रदर्शन कर सिल्वर मेडल जीता। बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता पुलिस बलों के बीच अनुशासन, फिटनेस और आत्मविश्वास को दर्शाती है। संजू उपाध्याय की यह उपलब्धि पुलिस विभाग की फिटनेस संस्कृति को भी मजबूत बनाएगी।
भरतपुर पुलिस खिलाड़ियों के सम्मान में समारोह
भरतपुर लौटने पर IGP कैलाश चन्द्र बिश्नोई ने दोनों खिलाड़ियों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि पुलिस के जवान केवल सुरक्षा और सेवा के लिए ही नहीं, बल्कि खेलों के माध्यम से समाज को सकारात्मक संदेश देने में भी अग्रणी भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने आशा जताई कि आने वाले समय में भरतपुर पुलिस के और भी खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतेंगे।
महिलाओं की भागीदारी से बढ़ा गौरव
खास बात यह रही कि भरतपुर पुलिस की महिला खिलाड़ियों ने इस प्रतियोगिता में अपना परचम लहराया। आमतौर पर पुलिस खेलों में पुरुष खिलाड़ियों की भागीदारी अधिक होती है, लेकिन इस बार महिला खिलाड़ियों ने भी साबित किया कि वे किसी से पीछे नहीं हैं।
यह उपलब्धि महिला सशक्तिकरण और खेलों में उनकी बढ़ती भागीदारी का प्रमाण है।
पुलिस और खेल : एक अनोखा रिश्ता
पुलिस बल और खेलों का रिश्ता काफी गहरा है। पुलिसकर्मी हमेशा शारीरिक और मानसिक फिटनेस पर जोर देते हैं। यही कारण है कि पुलिस विभाग के खिलाड़ी अक्सर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं।
भरतपुर पुलिस खिलाड़ियों की इस उपलब्धि से विभाग का मनोबल भी ऊंचा हुआ है।
भरतपुर पुलिस खिलाड़ियों का 74वें ऑल इंडिया पुलिस गेम्स 2025 में प्रदर्शन पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है।
एएसआई मनीषा चाहर द्वारा गोल्ड मेडल और
हेड कांस्टेबल संजू उपाध्याय द्वारा सिल्वर मेडल जीतना न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है बल्कि भरतपुर पुलिस की सामूहिक मेहनत और अनुशासन का परिणाम भी है।
खेलों के प्रति उनकी लगन और प्रतिबद्धता आने वाली पीढ़ी के पुलिसकर्मियों को प्रेरित करेगी। इस उपलब्धि ने यह संदेश दिया है कि यदि मेहनत और दृढ़ संकल्प हो, तो पुलिसकर्मी भी खेलों के क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर सकते हैं।