
मर्मांतक घटना से कांप उठा बहराइच
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में बुधवार सुबह ऐसी वारदात घटी, जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। एक किसान के घर से छह शव बरामद हुए। यह मर्मांतक घटना इतनी भयावह थी कि जिसने भी सुना, उसकी रूह कांप उठी। आशंका जताई जा रही है कि लहसुन की बुवाई को लेकर हुए झगड़े ने इस दर्दनाक हत्याकांड को जन्म दिया।
मर्मांतक घटनाक्रम : पहले हत्या, फिर आग में समापन
पुलिस जांच के मुताबिक किसान विजय मौर्य ने दो ग्रामीण लड़कों को लहसुन की बुवाई के लिए बुलाया था। काम के दौरान विवाद इतना बढ़ गया कि उसने गुस्से में दोनों लड़कों का गला रेतकर उनकी जान ले ली। इसके बाद उसकी दरिंदगी थमी नहीं, उसने अपनी ही दो मासूम बेटियों को मौत के घाट उतार दिया।
इतना सब करने के बाद विजय ने पत्नी को साथ लिया, घर के कमरे में घुसा और दरवाजा बंद कर आग लगा दी। देखते ही देखते पूरा घर लपटों में घिर गया। यह मर्मांतक दृश्य जिसने भी देखा, वह सदमे में आ गया।
आग की लपटों ने मचाई दहशत
सुबह जब ग्रामीणों ने घर से धुआं और आग की तेज लपटें उठती देखीं, तो पूरे गांव में हड़कंप मच गया। लोग दौड़ते हुए मौके पर पहुंचे। चीख-पुकार से माहौल गूंज उठा। किसी ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी तो किसी ने पुलिस को बुलाया।
दमकल की टीम ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। जब धुएं और आग की राख थमी, तब घर से छह जले और बेसुध शव बाहर निकाले गए। यह दृश्य इतना मर्मांतक था कि गांव का हर शख्स रो पड़ा।
पुलिस जांच और पहली पड़ताल
मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया ताकि स्थिति बिगड़े नहीं। सभी शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह हत्या और सुसाइड का मामला है। हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही पूरी सच्चाई सामने आएगी।
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि मर्मांतक वारदात अचानक गुस्से और विवाद का परिणाम हो सकती है।
ग्रामीणों की आंखों से छलका दर्द
गांव के एक बुजुर्ग झींगुर ने बताया कि सुबह विजय उसके पास आया था। उसने कहा कि लहसुन बुवाना है, भतीजे को भेज दो। लेकिन भतीजा नहीं गया। इसके बाद विजय किसी बहाने से दो अन्य लड़कों को घर ले आया।
झींगुर बताते हैं – “अचानक घर से धुआं उठता दिखा। हम दौड़े तो देखा कि घर जल रहा था। अंदर विजय ने अपने परिवार और गांव के लड़कों समेत सब कुछ खाक कर दिया।” यह कहते हुए उनकी आंखें नम हो गईं। गांव के हर कोने में मातम पसरा है। यह मर्मांतक त्रासदी हर किसी के लिए अविश्वसनीय लग रही है।
मर्मांतक वारदात ने उठाए सवाल
यह दर्दनाक घटना कई सवाल खड़े करती है। आखिर कैसे एक साधारण किसान इतनी बड़ी हिंसा कर सकता है? क्या घरेलू कलह या मानसिक दबाव ने उसे ऐसा कदम उठाने को मजबूर किया? ग्रामीण समाज में यह मर्मांतक घटना चर्चा का विषय बनी हुई है।
मर्मांतक हत्याकांड से सबक
ऐसी घटनाएं यह बताती हैं कि आपसी विवाद और तनाव जब नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं, तो वे भयावह रूप ले सकते हैं। परिवार और समाज को चाहिए कि ऐसे हालात में समय रहते हस्तक्षेप करें, ताकि किसी की जिंदगी मर्मांतक अंजाम तक न पहुंचे।
बहराइच की यह घटना न केवल एक परिवार की बर्बादी है, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। छह मासूम जिंदगियां अचानक खत्म हो गईं। गांव आज शोक में डूबा है। यह मर्मांतक हत्याकांड हमेशा याद दिलाएगा कि गुस्सा और विवाद किस तरह जीवन को राख में बदल सकते हैं।