
America govt. शटडाउन क्या है?
Sd news desk
अमेरिका में जब कांग्रेस और राष्ट्रपति के बीच बजट को लेकर सहमति नहीं बनती, तो सरकारी विभागों को मिलने वाला फंड रुक जाता है। इस स्थिति को ही “Government Shutdown” कहा जाता है।
शटडाउन का मतलब है कि गैर-जरूरी सरकारी सेवाएँ बंद हो जाएँगी और लाखों कर्मचारी बिना वेतन काम करने को मजबूर हो सकते हैं। 2025 का संकट तब सामने आया जब सीनेट ने अस्थायी फंडिंग बिल को खारिज कर दिया और आधी रात तक कोई समाधान नहीं निकल सका।
क्यों हुआ 2025 का Shutdown Crisis?
2025 का यह संकट मुख्य रूप से डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन के बीच बजट आवंटन को लेकर असहमति के कारण सामने आया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और विपक्षी नेताओं के बीच तीखी बहस हुई।
सीनेट में 100 में से 60 वोटों की जरूरत थी, लेकिन रिपब्लिकन बहुमत के बावजूद जरूरी डेमोक्रेटिक समर्थन नहीं मिल पाया। आधी रात तक समझौता न होने के कारण फंडिंग खत्म हो गई और सरकार बंद होने के कगार पर पहुँच गई।
डेमोक्रेट्स बनाम ट्रम्प टकराव
ट्रम्प ने डेमोक्रेट्स पर आरोप लगाया कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा और आव्रजन नीति जैसे मुद्दों पर अड़ंगे डाल रहे हैं। वहीं डेमोक्रेटिक नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि ट्रम्प समझौते की बजाय विवादास्पद बयानबाजी कर रहे हैं।
सीनेट डेमोक्रेटिक लीडर चक शूमर और हाउस डेमोक्रेटिक लीडर हकीम जेफ्रीज़ ने ट्रम्प की नीतियों पर कड़ी आपत्ति जताई। जेफ्रीज़ ने तो यहाँ तक कहा कि राष्ट्रपति महोदय फर्जी एआई वीडियो और नस्लवादी टिप्पणियों का सहारा ले रहे हैं, जबकि उन्हें सीधे संवाद करना चाहिए।
ट्रम्प की धमकी और छंटनी का खतरा
राष्ट्रपति ट्रम्प ने धमकी दी कि अगर शटडाउन लंबे समय तक चला तो वे सरकारी नौकरियों में बड़े पैमाने पर छंटनी करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस स्थिति से रिपब्लिकन को फायदा होगा क्योंकि इससे डेमोक्रेट्स द्वारा लाई गई प्रगतिशील योजनाएँ बंद करने का मौका मिलेगा। इस बयान से सरकारी कर्मचारियों में असुरक्षा और भय फैल गया है, क्योंकि पहले से ही हजारों कर्मचारी नौकरी गंवा चुके हैं।
एलन मस्क और सरकारी दक्षता विभाग
इस साल की शुरुआत में उद्योगपति एलन मस्क को “Government Efficiency Department” की जिम्मेदारी दी गई थी। उनके नेतृत्व में हजारों सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया था। अब शटडाउन के कारण कर्मचारियों पर दोहरी मार पड़ने की आशंका है, जिससे अमेरिका का सरकारी ढांचा और कमजोर हो सकता है।
Shutdown का असर
अगर अमेरिकी सरकार शटडाउन में जाती है तो इसका सीधा असर लाखों कर्मचारियों पर पड़ेगा जिन्हें समय पर वेतन नहीं मिलेगा। सोशल सिक्योरिटी पेमेंट और पब्लिक बेनिफिट्स रुक सकते हैं। नासा और पर्यावरण संरक्षण एजेंसी जैसी कई फेडरल एजेंसियों का कामकाज बंद हो जाएगा। यात्रा, वीज़ा और इमीग्रेशन प्रक्रिया में भी भारी देरी होगी।
इतना ही नहीं, अमेरिकी शेयर बाजार और पूरी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ेगा। इतिहास गवाह है कि शटडाउन हमेशा अमेरिकी जनता के लिए परेशानियाँ लाता है, लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराते रहते हैं।
दुनिया पर असर
अमेरिकी सरकार का बंद होना केवल अमेरिका तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा। ग्लोबल स्टॉक मार्केट्स में गिरावट आ सकती है और डॉलर की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा।
भारत जैसे देशों में आईटी सेक्टर और व्यापारिक समझौतों पर भी इसका असर पड़ सकता है। यही कारण है कि दुनिया भर की नज़रें इस समय अमेरिकी राजनीति पर टिकी हुई हैं।
अमेरिकी राजनीति में बढ़ता तनाव
2025 का यह शटडाउन संकट अमेरिकी राजनीति की गहराती खाई को साफ दिखाता है। डेमोक्रेट्स का कहना है कि ट्रम्प तानाशाही रवैया अपना रहे हैं और लोकतांत्रिक संवाद की जगह टकराव को बढ़ावा दे रहे हैं। वहीं रिपब्लिकन मानते हैं कि डेमोक्रेट्स राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को नजरअंदाज कर रहे हैं और केवल राजनीतिक फायदे के लिए रुकावटें डाल रहे हैं। यह विवाद आने वाले महीनों में 2026 के मिडटर्म चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बन सकता है।
अमेरिकी सरकार शटडाउन 2025 यह साबित करता है कि अमेरिका की राजनीति कितनी ध्रुवीकृत हो चुकी है। डेमोक्रेट्स और ट्रम्प के बीच टकराव न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था और राजनीति को हिला सकता है।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस किसी अस्थायी समझौते पर पहुँचती है या फिर अमेरिका लंबे शटडाउन की ओर बढ़ता है।