
वृद्धावस्था पेंशन जाँच संकट : सुगना देवी का मामला
हिमांशु मोदी की रिपोर्ट
सुगना देवी की पेंशन गायब
भरतपुर जिले के कामां क्षेत्र की बुजुर्ग महिला सुगना देवी, जो कि केवाल राम सैनी की पत्नी हैं, पिछले चार माह से अपनी वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त नहीं कर पा रही हैं। उनका SBI अकाउंट नंबर 61243892964 है।
गलत खाते में पेंशन जाने की समस्या
जानकारी के अनुसार, सुगना देवी की पेंशन राशि पिछले चार माह से 43744133446 अकाउंट में चली जा रही है, जो कि सरेडी, झालावाड़ का है। यह अकाउंट सुगना देवी का नहीं है। इसके कारण महिला प्रशासन, बैंक और नगरपालिका के चक्कर काटती आ रही हैं।
एसडीएम ऑफिस और बैंक के चक्कर:
सुगना देवी ने बताया कि उन्होंने बार-बार एसडीएम ऑफिस, नगरपालिका और बैंक का दौरा किया। हर बार आश्वासन मिला, लेकिन अब तक उनकी पेंशन राशि हस्तांतरित नहीं हुई। इससे उनके मानसिक और आर्थिक तनाव में वृद्धि हुई है।
बैंक और प्रशासन की जिम्मेदारी
वृद्धावस्था पेंशन बुजुर्ग नागरिकों के लिए जीवनयापन का एक महत्वपूर्ण साधन है।
विशेषज्ञों का कहना है:
बैंक और सामाजिक कल्याण विभाग को तुरंत मामले की जाँच करनी चाहिए।
गलती का पता लगाकर सुगना देवी के खाते में चार माह की पेंशन राशि तुरंत ट्रांसफर की जानी चाहिए।
वृद्धावस्था पेंशन का महत्व
वृद्धावस्था पेंशन बुजुर्गों की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है। यदि यह राशि गलत खाते में चली जाती है, तो वृद्धजन गंभीर संकट में पड़ जाते हैं।
इसलिए,
यह आवश्यक है कि बैंक और संबंधित विभाग पेंशन राशि का सही समय पर हस्तांतरण करें।
वृद्ध नागरिकों के लिए योजना में किसी भी तरह की लापरवाही मानसिक और आर्थिक नुकसान का कारण बन सकती है।
समाज में विश्वास संकट
सुगना देवी का मामला दर्शाता है कि सरकारी योजनाओं पर लोगों का विश्वास कम हो सकता है। इस तरह की समस्याएं वृद्धावस्था पेंशन योजना की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, समाधान सरल है:
1. संबंधित बैंक और सरकारी विभाग के पास तत्काल जाँच।
2. सुगना देवी के मूल खाते 61243892964 में पिछली चार माह की पेंशन राशि का तत्काल ट्रांसफर।
3. भविष्य में ऐसी गड़बड़ी न हो, इसके लिए बैंक और पेंशन विभाग में सिस्टम सुधार।
सुगना देवी की अपील
सुगना देवी ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि उनकी पेंशन राशि जल्द से जल्द उनके खाते में हस्तांतरित की जाए। बुजुर्गों के साथ इस तरह की अनदेखी उनके मानसिक और आर्थिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।
सुगना देवी का मामला केवल व्यक्तिगत समस्या नहीं, बल्कि वृद्धावस्था पेंशन योजना में कार्यप्रणाली की कमी को दर्शाता है। प्रशासन और बैंक दोनों को मिलकर इसे तत्काल समाधान करना चाहिए। बुजुर्गों की पेंशन राशि का सही समय पर हस्तांतरण उनकी गरिमा और जीवन की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है।