मऊ

कैसे सरकारी अध्यापक का बेटा बना पूर्वांचल का कुख्यात अपराधी? जानिए अनुज कन्नौजिया की खौफनाक यात्रा

जानिए कैसे सरकारी अध्यापक का बेटा अनुज कन्नौजिया प्रदेश का टॉप टेन अपराधी बना। उसकी खौफनाक यात्रा, सिलसिलेवार हत्याओं और पूर्वांचल में आतंक के बारे में पूरी जानकारी।

मऊ। गोरखपुर एसटीएफ ने झारखंड पुलिस की मदद से पूर्वांचल के कुख्यात अपराधी अनुज कन्नौजिया को मार गिराया है। उसे ढाई लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था, और उसके खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज थे। लेकिन अनुज कन्नौजिया कौन था, और कैसे वह जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह बना? आइए जानते हैं उसकी पूरी कहानी।

शुरुआत कैसे हुई?

यह कहानी 1993 की है, जब चिरैयाकोट के भटौली नवापुरा निवासी राम दुलारे कन्नौजिया के बेटे मनोज कन्नौजिया ने गांव में हुए आपसी विवाद में प्रमोद सिंह की हत्या कर दी थी। इसके बाद पुलिस ने मनोज को गिरफ्तार कर लिया, और कहा जाता है कि मऊ जिले के भीटी में उसका एनकाउंटर कर दिया गया। लेकिन मनोज के परिवार का दावा था कि पुलिस ने उसे पकड़ कर ठाकुर जाति के लोगों के हवाले कर दिया, जिन्होंने उसकी पीट-पीट कर हत्या कर दी।

बदला लेने की शुरुआत

मनोज कन्नौजिया की मौत के बाद उसका छोटा भाई अनुज कन्नौजिया बदला लेने की ठान चुका था। 13 जून 2003 को मात्र 17 साल की उम्र में उसने गुड्डा सिंह के भतीजे शरद सिंह की हत्या कर दी। इसके बाद वह मुख्तार अंसारी के संपर्क में आया और उनका भरोसेमंद शार्प शूटर बन गया। उसकी हत्याओं की श्रृंखला यहीं से शुरू हुई।

सिलसिलेवार हत्याएं

अनुज कन्नौजिया ने 21 अक्टूबर 2006 को दीपावली के दिन गुड्डा सिंह की भी हत्या कर दी, और फिर पूर्वांचल में आतंक का पर्याय बन गया। उसने एक के बाद एक सिलसिलेवार हत्याएं कीं। प्रेमिका की शिकायत पर उसने दुल्लहपुर में मनोज वर्मा की हत्या की। 2009 में मऊ के गाजीपुर तिराहे पर ए श्रेणी के ठेकेदार मन्ना सिंह, 2010 में उसके गनर और गवाह राम सिंह मौर्या तथा कांस्टेबल सतीश सिंह की हत्या भी की।

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कानून की नजर में

अनुज कन्नौजिया पर मऊ, आजमगढ़ और गाजीपुर में कुल 23 मुकदमे दर्ज थे। वह सिर्फ एक कुख्यात अपराधी ही नहीं, बल्कि जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह बन चुका था। उसकी प्रेमिका रीना राय, जो अब उसकी पत्नी भी बन चुकी है, उसकी पूरी दुनिया में शामिल थी और कई अपराधों में उसकी मदद करती थी।

इस तरह, लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बना अनुज कन्नौजिया, आखिरकार गोरखपुर एसटीएफ के हाथों मारा गया। अब इस मामले में पुलिस की जांच जारी है, और क्षेत्र में उसके आतंक का अंत हो चुका है।

➡️जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट

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